धनतेरस के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, जान लें पूजा की सही विधि

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 01:27 PM (IST)

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानि की शुक्रवार 25 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर के साथ भगवान धनवतंरी की पूजा की जाती है। धनतेरस केवल धन समृद्धि का दिवस मात्र नहीं हैं, यह दिन वास्तव में भारतीय वैदिक जगत का चिकित्सा दिवस या डॉक्टर दिवस भी कहलाता है। पंचम वेद के रुप में माने जाने वाले ' आयुर्वेद ' के आदिदेव भगवान धन्वंतरि' को क्षीरसागर के मंथन से उत्पन्न 14 रत्नों में से एक माना जाता है जिनका अवतरण इस धरा पर आरोग्य, स्वास्थ्य ज्ञान और चिकित्सा ज्ञान से भरे हुए अमृत कलश को लेकर हुआ। इस दिन पूरी विधि के साथ पूजा करते हुए इन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको पूजा का पूरा फल मिल सकें। 

पूजन विधि

इस दिन यमराज के लिए आटे से निर्मित दीपक बनाकर दीपदान करने और घर के मुख्य द्वार पर रखने का विधान है। रात्रि को घर की स्त्रियां इस दीपक में सरसों का तेल डालकर 4 बत्तियां जलाकर और जल, रोली, चावल, फूल, गुड़, नैवेद्य आदि सहित दीपक जलाकर यमराज का पूजन करें। यह दीपक रात भर जलना चाहिए। यह पूजा दिन छुपने के बाद की जाती है। पूजा में चढ़ाया गया सामान ब्राह्मण को दे दिया जाता हैं। 

इस दिन क्या न करें 

- अपने मित्र, रिश्तेदारों को तोहफे में कटलरी, पठाखे, फुलझड़ियां या चमड़े की आइटम्स न दें  यदि इनमें से कुछ देना ही चाहते हैं तो साथ में मिठाई जरुर दें। 

- इस दिन जुआ न खेलें।

- मदिरा व मांसाहार से परहेज करें। 

जरुर करें ये काम 

- जहां इस दिन दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना से भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है वहीं इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती हैं।

- धनतेरस के दिन लक्ष्मी का आवास घर में करें हैं।

- इस तिथि को पुराने बर्तनों के बदले नए बर्तन खरीदना शुभ माना गया हैं। 

- ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस दिन चांदी के बर्तन खरीदने से अधिक पुण्य लाभ मिलता है। 
 

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khushboo aggarwal