रोजाना करेंगे ये 4 योगासन तो बुढ़ापे तक रीढ़ की हड्डी रहेगी मजबूत

punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2019 - 06:33 PM (IST)

कैल्शियम युक्त आहार की कमी और गलत तरीके से उठने-बैठने की आदतें रीढ़ की हड्डी में दर्द की वजह बनती है। चलने, खड़े होने, बैठने, उठने और शरीर का बैलेंस बनाए रखने के लिए रीढ़ की हड्डी का स्वस्थ होना जरूरी है। इस दर्द को दूर करने के लिए योगासन सबसे कारगर उपाय है। तो चलिए जानते हैं आखिर किन आसनों की मदद से पीठ की इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

धनुरासन

धनुरासन करने से रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को बल मिलता है। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर पैरों को पूरी तरह फैला लें। अब धीरे से अपनी दोनों बाजूओं को पीछे लेजाकर दोनों पांव को पकड़ने की कोशिश करें। शुरु में कुछ परेशानी जरुर होगी मगर रोजाना प्रयास के साथ जैसे-जैसे पेट की मांसपेशियों मजबूत और लचीली होती रहेंगी वैसे-वैसे इस आसन को करना आसान होगा। रुटीन में यह आसन आपकी रीढ़ की हड्डी को इतना लचीला बना देगा कि बुढ़ापे तक पीठ से जुड़ी कोई भी समस्या आपको परेशान नहीं कर पाएगी।

मत्स्यासन

आसनों की सूची में मत्स्यासन एक ऐसा आसन है जो शरीर के आंतरिक अंगों और रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) को लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करता है। इस आसन को करने के लिए समतल जमीन पर लेट जाएं। लेटने के बाद दोनों टांगों की चौंकड़ी बना लें। अपने दोनों हाथों से अपने पैर पकड़ने की कोशिश करें और धीरे से अपनी पीठ को ऊपर उठाएं। रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने के साथ-साथ यह आसन सांस संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक है। फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ा कर व्यक्ति को लंबा जीने में मदद करता है।

बालासन 

बालासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को आगे की ओर करें और सिर को जितना हो सके नीचे की ओर झुकाएं। अपने हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियां जमीन रखें। शुरुआत में 15 से 20 सेकेंड इस आसन का अभ्यास करें, बाद में समय बढ़ा सकते हैं।

भुजंगासन

भुजंगासन करते समय सांप की तरह की आकृति बनती है इसीलिए इस आसन को भुजंगासन कहते हैं। अगर आप भुजंगासन को नियमित करते हैं तो आपकी रीढ़ की हड्डी लंबे समय तक जवां रहती है। भुजंगासन करने से मांसपेशियों मजबूत होती हैं। यह आसन शरीर को लचीला बनाने का काम करता है। भुजंगासन करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और फिर दोनों हाथों के बल पर शरीर के कमर से ऊपर के भाग को  ऊपर की तरफ उठाएं। इस स्थिति में जितनी देर हो सके टिके रहें। फिर धीरे से सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर झुक जाएं। 

Content Writer

Harpreet