जूतों से जुड़ी ये गलतियां भी घर में बनाती हैं कलेश का माहौल
punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 10:47 AM (IST)
अक्सर हम घर में घुसते ही जूतों को उतारकर इधर-उधर रख देते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि वास्तु के अनुसार जूतों को लेकर बरती गई असावधानियां आपके घर की सुख-शांति को भंग कर सकती हैं? आज हम आपको बताने जा रहे हैं जूते-चप्पल से जुड़े वास्तु के विषय में कुछ बातें जो आगे चलकर भविष्य में आपके काम आएंगी...
जूतों का रैक
जूतों का रैक हमेशा व्यवस्थित ढंग से घर की पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। वास्तु के मुताबिक घिसी-पिटी और टूट चुकी चप्पलों को घर से बाहर फेंक देना चाहिए या हो सके तो किसी गरीब को दे दीजिए। पुराने टूटे-फूटे जूते चप्पल घर में रखने से नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश करती है। ऐसा करने से शनि देव नराज हो सकते हैं।
बेडरुम में न लेकर जाएं जूते
जूतों को घर के बेडरुम और किचन से दूर रखना चाहिए। कभी भी जूते चप्पल बेडरुम में न लेकर जाएं। ध्यान रखें कि पूजा घर के आसपास जूते न उतारें।
रसोई में न लेकर जाएं जूते
पुराने जमाने में लोग रसोई में जूते लेकर जाना अपशगुन मानते थे। ऐसा माना जाता था कि रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है इसलिए अगर हम रसोई के भीतर चप्पल पहनकर जाते हैं तो इससे अन्न का अपमान होता है।
तिजोरी से पैसे निकालते वक्त उतार दे जूते
तिजोरी में हम धन-आभूषण आदि रखते हैं। जो हमारी शान और प्रतिष्ठता का प्रतीक होते हैं। माँ लक्ष्मी की कृपा से ही हमें यह सब कुछ मिला होता है। इसी कारण तिजोरी में कुछ निकालते और रखते समय पैरों में से जूते चप्पल निकाल देने चाहिए।
जूतों के रैक की रखें सफाई
कोशिश करें कि जूतों के रैक की हर हफ्ते सफाई की जाए। मिट्टी से भरे जूते घर में आलस और दलिद्रता का संकेत होते हैं।
जूतों के रैक को रखे सजाकर
हो सके तो जूतों के रैक को थोड़ा बहुत सजा कर रखें। आजकल मार्किट में अलग-अलग तरह के शू-रैक मिल जाते हैं। अगर नहीं भी मिलते तो आप खुद चाहें तो रिबन्स या पुराने पड़ी लेस के साथ आप रैक को डेकोरेट कर सकते हैं।
घर के बाहर जूते
जूतों को घर से बाहर उतारकर जाना एक अच्छी आदत है लेकिन ऐसा न हो कि दरवाजे पर जूते इधर-उधर अस्त-वय्सत पड़े रहें। अपने बच्चों को घर के बाहर जूते उतारने की आदल डालने के साथ-साथ उन्हें जूतें कैसे उतार कर रखने हैं.. इस बारे में भी अच्छी तरह समझाएं।