Vastu Tips: पश्चिम में होता है कर्मदाता शनिदेव का राज, इस दिशा में भूलकर भी न करें ये काम

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 05:30 PM (IST)

शनि देव का नाम सुनते ही सारे डर जाते हैं, क्योंकि वो न्याय के देवता हैं और लोगों को उनके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। वो आपके हर एक काम पर पैनी नजर रखते हैं। ये ही वजह है कि उन्हें कर्मफलदाता भी कहा जाता है। ऐसे में लोग उनकी कोप द्दष्टि से बचने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। अगर उनकी आप पर नकारात्मक द्दष्टि पड़ जाए तो आपका जीना दुर्भर हो सकता है। वास्तु में भी शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है, इसलिए उन्हें प्रसन्न रखने के लिए इस दिशा में ये काम बिल्कुल न करें...

बेडरूम 

वास्तु शास्त्र के हिसाब से पश्चिम दिशा में बेडरूम नहीं बनवाना चाहिए। इससे आजीविका और पति- पत्नी का रिश्ता प्रभावित होते हैं।

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किचन

इस दिशा में किचन नहीं होना चाहिए। इस दिशा में आग जलाने और खाना पकाने से शनि देव नाराज होते हैं। इससे घर का खर्च बढ़ता है और हमेशा अन्न की भी कमी रहती है।

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दरवाजा

इस दिशा में घर का मुख्य दरवाजा नहीं होना चाहिए। अगर दरवाजा है इस दिशा में है तो छायादर पेड़ जरूर हो। वरना घर में हमेशा कलह- कलेश बना वास करेगा।

खिड़कियां

इसी प्रकार यदि पश्चिम दिशा में खिड़कियां लगाई हुई हैं तो उनका आकार दिशा पूर्व दिशा वाली खिड़कियों से थोड़ा छोटा होना चाहिए।

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पूजा का घर

पश्चिम दिशा में पूजा कक्ष या मेडिटेशन रूम बनाने से घर के मुखिया का जीवन प्रभावित होता है। इससे सेहत और धन दोनों पर संकट आ सकता है।

फर्नीचर

टूटे- फूटे फर्नीचर को इस दिशा में न रखें। इससे घर में दरिद्रता और जीवन में बदहाली आती है। बेहतर होगा कि आप ऐसे फर्नीचर को घर से बाहर ही फेंक दें। 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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