इन 10 दिनों में न तोड़े बेलपत्र, भगवान शिव होंगे नाराज

punjabkesari.in Wednesday, Jul 15, 2020 - 11:51 AM (IST)

सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। इस पूरे महीने में शिव जी की असीम कृपा पाने के लिए बहुत से लोग उपवास रखने के साथ शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि चढ़ाते हैं। खासतौर पर उनके प्रिय दिन यानि सोमवार को लोग बेलपत्र तोड़ कर उसे शिवलिंग पर अर्पित करते है। मगर ऐसा करना गलत होता है। इससे शिव जी की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। धार्मिक ग्रंथ शिवपुराण के अनुसार, कुछ विशेष तिथियों पर बेलपत्र को तोड़ने अशुभ माना जाता है। ऐसे में आप इसे रविवार के दिन तोड़कर अगले सुबह यानि सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। तो चलिए जानते है पुराणों के अनुसार बेलपत्र से जुड़ी कुछ खास बातें...

इन तिथियों में भूल से न तोड़ें बेलपत्र

पुराणों के अनुसार बेलपत्र को कभी भी सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति आदि शुभ दिनों पर नहीं तोड़ना चाहिए। साथ ही दोपहर के बाद भी इसके पेड़ को हाथ लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव नाराजगी का सामना करना पड़ सकता हैं। असल में बेलपत्र के अनुसार ये दिन शिव जी को अति प्रिय होने से इन दिनों बेलपत्र को तोड़ने से बचना चाहिए। 

6 महीनों तक बासी नहीं होती

बहुत से लोगों को लगता हैं कि बेलपत्र को तोड़ने के तुरंत बाद ही भगवान जी पर चढ़ा देना चाहिए। मगर असल में बेलपत्र कुल 6 महीनों बासी नहीं मानी जाती है। ऐसे में अगर सोमवार, द्वादशी, पूर्णिमा आदि तिथियों में बेलपत्र न मिले तो आप किसी द्वारा अर्पित की गई बेलपत्र को एक बार पानी से धोकर भगवान शिव को फिर से चढ़ा सकते हैं।

पापों से मुक्ति

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार, द्वादशी के दिन भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र के वृक्ष की पूजा करने से ब्रह्महत्या जैसे पाप से मुक्ति मिलती है। 

आर्थिक परेशानी करें दूर

इन तिथियों में बेलपत्र को तोड़ने की जगह इसकी पूजा करनी चाहिए। इससे आर्थिक परेशानियां दूर होने के साथ घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है।

जीवन की परेशानियों करें दूर

धार्मिक ग्रंथों व पुराणों के अनुसार, जहां पर बेलपत्र के वृक्ष व घने जंगल हो वह स्थान काशी के बराबर पूजनीय माना जाता है। इसतरह वहां रोजाना पूजा- पाठ करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। 

सुख-शांति के लिए

घर- परिवार में सुख-शांति व एकता बनाएं रखने के लिए इसे उत्तर- दक्षिण दिशा शुभ मानी जाती है। 

यश व सम्मान दिलाएं

बेलपत्र को हमेशा घर की उत्तर- पश्चिम में लगाना चाहिए। 
 

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neetu