एक नहीं पूरे 5 दिन चलती है दिवाली, नोट कर लीजिए पंच महोत्सव की सही डेट और मुहुर्त
punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 08:24 AM (IST)

नारी डेस्क: दीप और खुशियों के महापर्व दिवाली के उत्सव की तैयारियां तो कई दिनों से शुरू हो जाती है, लेकिन 5 दिन बेहद अहम होते हैं जिसे "दिवाली पंच महोत्सव" कहा जाता है। यह धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। जहां 18 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा तो वहीं 19 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली और 20 अक्टूबर को दिवाली की लक्ष्मी पूजा होगी। 22 अक्टूबर को अन्नकूट और गोवर्धन पूजा और 23 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। चलिए जानते हैं इन दिनों का महत्व और शुभ मुहुर्त

धनतेरस पहला दिन
इस दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग सोना, चांदी, बर्तन या धनिया खरीदते हैं। यह दिन धन और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन शुभ मुहुर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा औरसमापन 19 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट पर होगा। खरीदारी का पहला मुहुर्त सुबह 8 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली
इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोग घर की सफाई, सजावट और दीप जलाने की तैयारी करते हैं। यह दिन नकारात्मक ऊर्जा के नाश का प्रतीक है। इ दिन पूजन का मुहूर्त शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजन / मुख्य दिवाली
यह दिवाली का सबसे बड़ा दिन होता है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा करते हैं। दीप जलाए जाते हैं, मिठाई बाँटी जाती है, और घर रोशनी से जगमगाता है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। यह दिन धन, सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
गोवर्धन पूजा / अन्नकूट
इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में पूजा होती है। लोग घर में अन्नकूट बनाते हैं यानी कई प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। यह दिन कृष्ण भक्ति और प्रकृति की कृतज्ञता का प्रतीक है। गोवर्धन पूजा का पहला मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज
इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई बहन को उपहार देते हैं। यह दिन भाई-बहन के स्नेह और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भाई को टीका करने का मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।