दिशाओं से बदलेगी दशा तो घरवालों की सेहत बिगाड़ देगा गलत दिशा में पकाया खाना

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 05:07 PM (IST)

भारतीय वास्तुशास्त्र में दिशाएं काफी महत्व रखती हैं। जिस तरह सही दिशा में कार्य करने से व्यक्ति के भाग्य बनता है। उसी तरह अगर वास्तु के अनुसार सही दिशा में घर ना बनाया जाए या दिशा का सही तरह के उपयोग ना किया जाए तो घर की सुख-शांति बिगड़ भी सकती है। आज हम आपको यही बताएंगे कि किस दिशा में क्या रखना चाहिए और किस दिशा में मुंह करके पकाया गया भोजन सेहत के लिए वरदान है। चलिए जानते हैं दिशाओं से जुड़ी कुछ जरूरी बातें...

धन के लिए सबसे बेहतर उत्तर दिशा

-वास्तु में 4 दिशाएं महत्वपूर्ण होती है... पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। इसमें से उत्तर दिशा सबसे खास होती है क्योंकि इसे भगवान ‘कुबेर’ की दिशा भी कहा जाता है, जो जीवन में धन, नए अवसर, प्रगति देने के लिए जाने जाते हैं।

-उत्तर दिशा में कुबेर भगवान की मूर्ति, आईना, मनी प्लांट और तिजोरी रखना काफी शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिशा की दीवारों पर हमेशा हल्के नीले रंग करवाएं। इससे घर में धन की वृद्धि होगी।

-ध्यान रखें कि इस दिशा में लाल, पीले, बैंगनी और गुलाबी रंग ना करवाएं और ना ही इस रंगी की वस्तुएं रखें क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है।

आग्नेय कोण यानि दक्षिण-पूर्व दिशा

-दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण में अग्निदेव का वास होता है, जो सुखी, समृद्ध के साथ आपको निरोगी रखते हैं। किचन में गैस चूल्हा इसी दिशा में रखें क्योंकि इस तरफ मुंह करके पकाया भोजन सेहत के लिए अच्छा होता है

-इस दिशा में कामधेनु गाय की मूर्ति रखने से धन लाभ होता है। वहीं, कपल्स को दक्षिण-पूर्व में बने कमरे में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे लड़ाई-झगड़े बढ़ते हैं।

किस दिशा में हो मेन गेट, मास्टर बेडरूम और किचन....

1. वास्तु के अनुसार, मेन गेट हमेशा पूर्व की दिशा में होना चाहिए क्योंकि यह प्रगति की दिशा है। वहीं, पूर्व दिशा के स्वामी स्वयं इंद्रदेव हैं और सूर्योदय भी इसी यही से होता है।अगर आप इस दिशा में दरवाजा नहीं लगा सकते तो उत्तर दिशा भी इसके लिए शुभ है।

2 . किचन के लिए वास्तुशास्त्र में दक्षिण-पूर्व यानि आग्नेय कोण को सबसे बेहतरीन मानी जाती है।

3. घर का मास्टर बेडरूम यानि मुख्या का कमरा हमेशा दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा यानि नैऋत्य कोण में होना चाहिए। वहीं 30 से ज्यादा और 50 साल से कम लोगों का कमरा पश्चिम दिशा में होना अच्छा माना जाता है क्योंकि नैऋत्य कोण दिशा में सोने से प्रगति में बाधा आती है।

4. ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा सबसे सर्वोत्तम मानी जाती है लेकिन यहां कूड़ा-कचरा या शौचालय नहीं होना चाहिए। इस भाग में जल स्रोत, फाउंटेन होना शुभ होता है।

5. पश्चिम दिशा शनि के लिए जानी जाती है गौशाला, मेहमानों के कमरे, शौचालय व बाथरूम, पेड़-पौधे और स्टोर रूम बनवाना अच्छा होता है लेकिन यहां पूजारूम बनवाने की गलती ना करें।

6. उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु दोष दूर करने के लिए फव्वारा या एक्वेरियम रखें। इसके अलावा कुवांरी कन्याओं अगर इस दिशा में सोएंगी तो उनके विवाह योग मजबूत होंगे।

7. खिड़की के लिए पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दिशा सही है। इसके अलावा उत्तर दिशा को हमेशा खुला रखना सही रहता है इसलिए आप यहां भी खिड़की बनवा सकते हैं। इससे घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुलेंगे।

Content Writer

Anjali Rajput