टीबी ही नहीं, कैंसर का लक्षण भी हो सकती है लगातार हो रही खांसी

punjabkesari.in Monday, Jan 07, 2019 - 12:14 PM (IST)

कई लोग खांसी को गंभीरता से नहीं लेते या स्वंय ही उपचार करने की कोशिश करते हैं परंतु क्या आप जानते हैं कि कब खांसी के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बेशक हर छोटी-मोटी समस्या के लिए हमें डॉक्टर के पास दौड़ना नहीं चाहिए परंतु खांसी के मामले में अक्सर यह तय करना कठिन हो जाता हैं कि कब डॉक्टर के पास जाने की जरूरत हैं। इसका फैसला तभी किया जा सकता है जब आपको हर तरह की खांसी के बारें में पता हो।




खांसी जुकाम या फ्लू की वजह तो नहीं

सर्दी के अन्य लक्षणों की तुलना में खांसी का लंबे समय तक न जाना असामान्य बात नहीं है। सर्दी-जुकाम वाली खांसी आमतौर पर दो प्रकार की होती है। सूखी या कफ वाली। अगर गाढ़ा कफ या बलगम बन रहा हो तो भी घबराने की जरूर नहीं हैं। इस तरह की खांसी फ्लू के साथ भी हो सकती हैं। हालांकि, फ्लू के चलते आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक परेशानी होती है और आराम की जरूरत पड़ती हैं।



क्या करें

एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण में काम नहीं करते हैं इसलिए इसके लक्षणों में होने वाली परेशानी से निजात पाने के लिए सीधे डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं और सर्दी-जुकाम य़ा खांसी की सामान्य दवाएं फॉर्मासिस्ट की सलाह से भी ले सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण हैं साथ ही पर्याप्त आराम भी करें। गर्म पेय तथा भा लेने से नाक और छाती खुलती है तथा आराम मिलता हैं। रात को खांसी की वजह से नींद में खलल पड़ रहा हो तो सिर के नीचे एक अतिरिक्त तकिया रख कर सोएं।



खांसी धूम्रपान की वजह तो नहीं

धूम्रपान करने वालों को आमतौर पर धुएं की वजह से सांस की नली पर होने असर के कारण खांसी आती हैं। इस कारण बलगम निकलने की प्राकृतिक गति धीमी पड़ सकती है जिससे इसे निकालने के लिए खांसना पड़ता है। धूम्रपान करने वालों को इस तरह की खांसी अक्सर सुबह के वक्त अधिक होती हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों को अन्य स्वास्थ्य जोखिम भी अधिक रहते हैं जो खांसी से जुड़े भी हो सकते हैं। जैसे कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव प्लमोनरी डिजीज।खांसी दिल की समस्याओं जैसे हार्ट फेलियर का एक संकेत भी हो सकती हैं, विशेष रूप से बुजुर्गों के फेफड़ों में तरल जमा होनेके कारण।



क्या करेें

यदि धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ने में कभी देर नहीं करनी चाहिए। इसमें मदद के लिए सेवाओं तथा उत्पादों की जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

यदि आपको लंबे वक्त से खांसी है जो लगातार खराब हो रही है या आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है या टखनों में सूजन है तो तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।



खांसी कैंसर का लक्षण तो नहीं

यूं तो खांसी एक बेहद आम समस्या है और कभी-कभी ही गंभीर होती है लेकिन यदि आपको किसी भी चिंताजनक या संभावित खतरे वाले लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर की जांच करवाएं।


अधिकतर खांसी कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती हैं। हालांकि, यदि खांसी जाने का नाम न ले या लगे कि यह और बिगड़ रही है जैसे कि रंगीन बलगम या कफ अथवा खून खांसी में आने लगे तो डॉक्टर से जांच करवाएं ताकि वह पता कर सके कि कहीं आपको चैस्ट इंफैक्शन या फेफड़े का कैंसर जैसी अधिक गंभीर समस्या तो नहीं हैं।


फेफड़े के कैंसर के अन्य लक्षणों में छाती में दर्द बार-बार चैस्ट इंफैक्शन, थकान, गर्दन या चेहरे में सूजन या बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना शामिल है।

इन सभी लक्षणों को याद रखना कठिन हो सकता है और एक हालिया शोध के अनुसार कम से कम एक-तिहाई लोग फेफड़ों के कैंसर के सम्भावित सकंतों की पहचान नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि अपनी सेहत में किसी भी तरह का असामान्य परिवर्तन महसूस होने पर डॉक्टर से जांच करवाएं।



क्या करें

हो सकता है कि कैंसर न हो परंतु जितनी जल्दी बीमारी का पता चले, उसका इलाज उतना ही आसान हो जाता है इसलिए लक्षण नजर आते ही बिना देरी के डॉक्टर से जांच करवाएं।
 


खांसी अस्थमा तो नहीं

खांसी वास्तव में अस्थमा का एक बेहद आम लक्षण है। घरघराहत के साथ या इसके बिना आने वाली खांसी अस्थमा के कारण भी हो सकती है। लगातार या बार-बार आने वाली खांसी जो विशेष रूप से रात या सुबह को परेशान करती हो तो डॉक्ट्र के पास जाना चाहिए। कई लोग सोचते हैं कि अस्थमा बचपन में शुरू होता हैं परंतु यह जरूरी नहीं। अस्थमा के अन्य लक्षणों में छाती में कसाव तथा सांस लेने में तकलीफ शामिल है। अस्थमा का एक और संकेत है कि खांसी किसी विशेष हालात में शुरू या बढ़ तो नहीं जाती। जैसे कि पराग, धूल, सिगरेट का धुआं, ठंडी हवा या पालतू जानवरों के करीब आने पर। सर्दी और फ्लू भी अस्थमा को बदतर बना सकते हैं या अस्थमा अटैक की वजह बन सकते है।


क्या करें

यदि ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अस्थमा जल्दी गंभीर रूप ले सकता है लेकिन सही उपचार और उचित सलाह के साथ इसे संभाला जा सकता हैं।

 


खांसी लंग इंफैक्शन तो नहीं

यदि खांसी 3 सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहती है और सांस लेने की तकलीफ बढ़ने लगे, सांस लेने में दर्द, घरघराहट, आवाज में कर्कशता जो कुछ दिनों से अधिक तक रहे, टखनों में सूजन, सीने में जलन, बिना कारण वजन में कमी, निगलने में कठिनाई या सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो फेफड़े का संक्रमण या निमोनिया अथवा अथवा ब्रोंकाइटिस भी हो सकता हैं।

यदि आपको खांसी के साथ बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो, कफ में खून आए तो भी सतर्क हो जाएं। लंग इंफैक्शन जैसे कि निमोनिया खांसी का एक सामान्य कारण है जिसमें एंटीबायोटिक्स से उपचार की आवश्यकता हो सकती है।


क्या करें

इन लक्षणों का आकलन करके तथा जरूरी होने पर टैस्ट करवा कर डॉक्टर इंफैक्शन का पता लगा सकते हैं। फेफड़ों का संक्रमण है तो इसका उपचार दवाइयों के साथ आराम करके हो सकता हैं परंतु सही सलाह तथा पूरी दवा का सेवन जरूरी होगा।
 

 

 

Content Writer

Sunita Rajput