धीरेंद्र शास्त्री का तीखा बयान: "अगर हवस के पुजारी हैं, तो हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता?"

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 12:32 PM (IST)

 नारी डेस्क: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और लोकप्रिय कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में एक दिव्य दरबार में कुछ बेहद तीखे और बेबाक बयान दिए। उन्होंने यह बातें संत प्रेमानंद महाराज को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहीं। धीरेंद्र शास्त्री ने संत प्रेमानंद के समर्थन में खुलकर बात की और विरोध करने वालों पर जमकर तंज कसे।

 क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री?

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देश में कुछ लोग जानबूझकर संतों का विरोध करते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "अगर इस देश में 'हवस के पुजारी' हो सकते हैं, तो 'हवस का मौलवी' क्यों नहीं हो सकता?" उनका यह बयान उन लोगों पर निशाना था जो एकतरफा सोच और दोहरी मानसिकता रखते हैं। शास्त्री ने स्पष्ट किया कि वह हमेशा जातिवाद के खिलाफ और राष्ट्रवाद के पक्ष में रहे हैं। उनका कहना है कि जो लोग केवल गंगा और यमुना की बात करते हैं, वे सरस्वती को भूल जाते हैं, जबकि गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों मिलकर 'त्रिवेणी' बनती हैं, और उन्हें एक साथ देखने की जरूरत है।

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 विरोध करने वालों को बताया ‘पेट की बीमारी’ वाले

शास्त्री ने बताया कि जब पहले उनका विरोध होता था, तो उन्हें लगता था कि शायद उनमें ही कोई गलती है। लेकिन अब जब संत प्रेमानंद महाराज जैसे संतों का भी विरोध होने लगा है, तो ये साफ है कि कुछ लोगों को संतों से ही दिक्कत है, या फिर उनके पास "पेट की बीमारी" है यानी बिना वजह की जलन और विरोध की आदत।

 हर मजहब में सब बुरे नहीं होते

धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति या हर धर्म बुरा नहीं होता। कुछ बुरे लोग हर जगह होते हैं, लेकिन उनके कारण पूरे समुदाय को दोष नहीं देना चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा "अगर बुरे लोगों की भीड़ में एक सच्चा व्यक्ति हो, तो सबकी नजर उसी पर जाती है।" इसका मतलब यह है कि अच्छाई हमेशा अलग दिखती है और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।

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 धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान देश की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सोच पर एक गहरा प्रश्न उठाता है। उन्होंने यह दिखाया कि कैसे सच बोलना आज के समय में आसान नहीं है, और जो भी सत्य की बात करता है, उसे विरोध का सामना करना पड़ता है।

  

 
 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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