शिरडी के साईं बाबा के लिए भक्त ने दिया दो करोड़ का सोना, जानें इस मंदिर का इतिहास
punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 03:29 PM (IST)
हैदराबाद में रहने वाले एक भक्त ने महाराष्ट्र के शिरडी शहर में स्थित प्रसिद्ध साईंबाबा मंदिर में सोने से बना एक चौड़ा छल्ला (बैंड) दान किया है, जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये है। 2007 में हैदराबाद के ही रहने वाले एक अन्य भक्त ने मंदिर न्यास को 94 किलोग्राम का स्वर्ण का सिंहासन दान किया था।
साईंबाबा के सिंहासन के लिए दिया दान
मंदिर न्यास की मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाग्यश्री बानायत का कहना है कि भक्त पार्थसारथी रेड्डी 2016 में साईंबाबा की मूर्ति के सिंहासन के लिए स्वर्ण का एक बैंड दान करना चाहते थे, लेकिन तब जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। कोविड-19 महामारी की वजह से प्रक्रिया में देरी हुई, उन्होंने अब साईंबाबा के सिंहासन के लिए चार किलोग्राम सोने से निर्मित बैंड दान किया है।
मंदिर को हर साल मिलता है करोड़ों का दान
स्थित साईं बाबा मंदिर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि मंदिर के बैंक खाते में करीब 32 करोड़ का सोना , 4428 किलो चांदी और लगभग 1,800 करोड़ रुपये मौजूद हैं। इस मंदिर में करीब 360 करोड़ रुपये हर साल चंदे के रूप में आते हैं।
मंदिर का इतिहास
शिरडी में साईं बाबा के पवित्र मंदिर का इतिहास तब से शुरू होता है जब साईं बाबा शिरडी में आते है। इस मंदिर का निर्माण साईं बाबा की समाधि के ऊपर लगभग 1922 में करवाया गया था। माना जाता है कि साईं 16 वर्ष की आयु में शिरडी आए थे और चिरसमाधि में लीन होने तक यहीं रहे थे। साईं बाबा के मंदिर के दर्शन करने लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं।
दूर- दूर से शिरडी में आते हैं भक्त
माना जाता है कि साईं अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। अगर आप भी अपनी मनोकामना को लेकर पहली बार शिरडी जाने का प्लान कर रहे हैं तो बता दें कि यह औरंगाबाद से 110 किलोमीटर और मुंबई से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शिरडी में आप ट्रेन, बस या फिर अपनी गाड़ी से भी जा सकते हैं। यहां अपने वाहन के लिए रोड रूट काफी अच्छा है।
इस मौसम में जाएं साईंबाबा मंदिर
वैसे तो शिरडी कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के दौरान यहां काफी भीड़ होती है। अक्टूबर से मार्च के बीच आप शिरडी जा सकते हैं , क्योंकि तब यहां कम भीड़ होती है। हर गुरुवार के दिन यहां साईं बाबा की पालकी निकाली जाती है, इसलिए इस दिन भी यहां काफी भीड़ होती है। बाबा का मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और उसके बाद आरती, भजन और प्रसाद वितरीत होता है। फिर सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाता है। दिन भर के दर्शन और पूजन के बाद रात को साढ़े 10 बजे मंदिर में आखिरी आरती के बाद बंद कर दिया जाता है।