दृष्टिहीन होकर भी वह नहीं बनी किसी पर बोझ, जिंदगी की एक सीख देती हैं मोनिका की कहानी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 10:11 AM (IST)

जीवन में तय की हुई मंजिल को हासिल करने के लिए जरुरी है कि आपके सपनों में जान हो व उसे पूरा करने का हौसला आप में हो। अपनी इसी हौसले के साथ अपने सपनों को पूरा कर रही है शासकीय उच्चतर माध्यमिक  विद्यालय दीवानगंज में पियून के पद पर तैनात मोनिका साहू। मोनिका नेत्रहीन होने के बाद भी अपना रोजाना काम बहुत ही अच्छे तरीके से पूरा करती है। 
चलिए बताते है आपको मोनिका साहू के जीवन सफर के बारे में ..

पद गिन कर पहुंचती है मंजिल पर

मोनिका नेत्रहीन होने के बाद भी अपने सारे काम बड़ी आसानी से बिना किसी दिक्कत के पूरे करती है। स्कूल में एक कमरे से दूसरे कमरे तक  वह पैर गिन कर जाती है। जब भी उसे किसी कमरे में कोई कागज देकर भेजा जाता है तो वह बिना किसी की मदद लिए एक कमरे से दूसरे कमरे तक आसानी से पहुंच जाती हैं। इतना ही नही वह डेली बस से अप डाउन करती है जिस कारण बस से उतरने के बाद उन्हें रोज पैदल ही स्कूल आना पड़ता है। 

खुद अपना काम करना है पसंदः मोनिका

मोनिका का कहना है कि उसे अपना काम खुद ही करना काफी पसंद है। वह अपने काम के लिए किसी पर निर्भर होना पसंद नही करती हैं। वहीं स्कूल स्टाफ का कहना है कि सेल्फ डिफेंस होने के साथ वह समय की पांबद रहना भी पसंद करती है। वह स्कूल में समय पर पहुंचती है। अपने हर काम को बिना देरी के पूरी करती हैं। इतना ही नही वह पदचाल सुन कर ही पहचान लेती है कि कौन शिक्षक उसके पास से गुजर रहे है।

कलेक्टर बनने का है सपना 

मोनिका इस समय स्कूल में पियून का काम कर रही है लेकिन इसके साथ ही वह अपनी बीए की पढ़ाई भी कर रही है। वह अपनी पढ़ाई पूरा कर आईएएस की परीक्षा देना चाहती है। उसका जीवन में सपना है कि वह कलेक्टर बने। उसके इस सपने को पूरा करने में मोबाइल उसकी मदद करता है। जिसमें वह टॉकिंग बुक्स की मदद से न केवल अपनी पढ़ाई पूरी करती है बल्कि सोशल अकाउंट भी चलाती है। 

आज मोनिका अपनी जैसी कई उन नेत्रहीन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो कि अपने सपनों को हासिल करना चाहती हैं। 

 

Content Writer

khushboo aggarwal