जहरीली हवा बनी बच्चों की दुश्मन! स्कूलों ने उठाया बड़ा कदम, इस दिन से बंद रहेंगे स्कूल

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 05:03 PM (IST)

नारी डेस्क : दिल्ली-एनसीआर इन दिनों जहरीली धुंध की चादर में लिपटा हुआ है। हवा में मौजूद धुआं, धूल और रसायन शहर को गैस चैंबर में बदल चुके हैं। हालात इतने खराब हैं कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई खांसी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं से परेशान है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार ‘बहुत खराब’ और कई इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।

स्कूलों ने उठाया बड़ा कदम, हाइब्रिड मोड शुरू

प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली के कई स्कूलों ने सोमवार (17 नवंबर 2025) से हाइब्रिड क्लासेज लागू करने का फैसला लिया है। रविवार को माता-पिता इस बात को लेकर असमंजस में थे कि बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए या घर पर रखना चाहिए, लेकिन अब स्कूलों ने मैसेज और सर्कुलर के जरिए स्थिति स्पष्ट कर दी है।

PunjabKesari

क्या है हाइब्रिड मोड?

हाइब्रिड मोड में क्लासें दो तरीकों से चलती हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों। इसमें पेरेंट्स को यह सुविधा मिलती है कि वे तय करें कि बच्चे को स्कूल भेजना है या घर से ही पढ़ाना है। यह सिस्टम कितने दिनों तक लागू रहेगा, इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल यह व्यवस्था केवल क्लास 5 तक के बच्चों के लिए लागू की गई है।

बच्चों की सेहत पर खतरा बढ़ा

डॉक्टर्स का कहना है कि हवा में मौजूद जहरीले कण बच्चों के फेफड़ों पर सीधा और तेजी से असर डाल रहे हैं। हालत इतनी खराब है कि छोटी उम्र के बच्चों, अस्थमा रोगियों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिख रहा है। लगातार खांसी, कफ, सांस फूलना, सिरदर्द, गले में जलन और आँखों में पानी आने जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और गंभीर हो गया है।

यें भी पढ़ें : दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहे ये 13 हॉटस्पॉट! कई क्षेत्रों में AQI 400 पार, यहां देखें पूरी लिस्ट

ऑफलाइन क्लास के लिए नई गाइडलाइन

स्कूलों ने उन बच्चों के लिए सख्त नियम बनाए हैं।
 जो ऑफलाइन आएंगे: एन-95 मास्क अनिवार्य
बिना मास्क के एंट्री नहीं
विंटर यूनिफॉर्म में आना जरूरी
आउटडोर खेल, असेंबली और ग्राउंड ऐक्टिविटी बंद।

PunjabKesari

पेरेंट्स के लिए जरूरी सलाह

बढ़ते प्रदूषण के बीच बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए। इसलिए पैरेंट्स को सलाह दी जाती है कि बच्चे को स्कूल भेजने से पहले स्कूल का सर्कुलर या नोटिस जरूर चेक करें। यदि बच्चा ऑफलाइन क्लास में जा रहा है तो उसे एन-95 मास्क पहनाकर ही भेजें, ताकि वह जहरीली हवा से सुरक्षित रहे। अगर बच्चा बीमार है—खांसी, जुकाम या सांस लेने में दिक्कत है—तो उसे घर पर ही ऑनलाइन क्लास अटेंड करवाना बेहतर है। बच्चों को भरपूर पानी, विटामिन-सी और हाइड्रेशन बढ़ाने वाली चीजें दें, जिससे उनकी इम्युनिटी मजबूत रहे। घर में एयर-प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें या गुड़, तुलसी, भाप जैसे घरेलू उपाय अपनाकर हवा को कुछ हद तक साफ रखने की कोशिश करें।

यें भी पढ़ें : कैंसर का दुश्मन है ये फल! सिर्फ दो महीने मिलता है, जानिए इसके गजब के फायदे

कब सुधरेगी हवा? अभी कोई उम्मीद नहीं

मौसम विभाग के अनुसार अगले 3–4 दिनों में हवा की गति 10 किमी/घंटा से भी कम रहने की संभावना है, जिससे प्रदूषक कण हवा में ही अटके रहेंगे और ऊपर नहीं उठ पाएंगे। इसी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में किसी भी बड़े सुधार की उम्मीद फिलहाल नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि दिल्ली-NCR के लोगों को अभी कुछ दिनों तक इसी जहरीली हवा का सामना करना पड़ेगा और राहत मिलने की संभावना बेहद कम है।

दिल्ली की हवा एक बार फिर बच्चों की सेहत और उनकी पढ़ाई पर सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है। स्कूलों का हाइब्रिड मोड अस्थायी राहत तो है, लेकिन समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है। फिलहाल परिवारों और स्कूलों को मिलकर बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों को संतुलित रखने की जरूरत है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Monika

Related News

static