डिप्रेशन के लक्षण पहचानकर ऐसे करे उपाय

punjabkesari.in Friday, Feb 01, 2019 - 05:24 PM (IST)

डिप्रेशन क्या है: डिप्रेशन (Depression) यानी अवसाद एक ऐसी समस्या है, जिसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया हुआ है। सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त हैं। आधुनिक समय में अवसाद के कारण बच्चों और किशोरों में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए दीपिका पादुकोण को डिप्रेशन से निकालने वाली एना चांडी (Anna Chandy) ने बच्चों में बढ़ रही इस समस्या पर खुलकर बात की।

 

दीपिका को भी डिप्रेशन से निकाल चुकी हैं एना चांडी

बैंगलुरु में रहने वाली एना चांडी लोगों में डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण (Depression ke Lakshan in Hindi) को पहचान कर इस से निकालने में मदद करती हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को भी डिप्रेशन से बाहर निकालने में भी उन्होंने ही मदद की थी। सिर्फ दीपिका ही नहीं बल्कि कई सेलेब्स उनके पास अपने इलाज के लिए आते हैं। 30 साल से वे इसी तरह से लोगों की सेवा कर रही हैं।

बच्चों में मानसिक तनाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 13-15 वर्ष की आयु के 4 बच्चों में से लगभग एक बच्चा डिप्रेशन से ग्रस्त है। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 86 मिलियन लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। एना चंडी का कहना है कि अवसाद, चिंता, और कई अन्य मानसिक रोग के लक्षण लोगों को पता नहीं चल पाते, जिसके चलते बच्चों व किशोरों को सही व जरूरी उपचार भी नहीं मिल पाता।

 

डिप्रेशन का इलाज (Depression Treatment)

एना चांडी का कहना है कि बच्चों में डिप्रेशन, तनाव और कई अन्य मानसिक समस्याओं को मैनेज किया जा सकता है लेकिन उसके लिए सही उपचार पता होना चाहिए। वह कहती हैं कि बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे माता-पिता बच्चों को आसानी से इस समस्या से बचा सकते हैं। 2015 में दीपिका ने मानसिक स्वास्थ्य के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए 'द लाइव लव लाफ फाउंडेशन' भी शुरू किया था।

 डिप्रेशन के कारण (Causes of Depression) 

एना चांडी का कहना है कि बच्चों में डिप्रेशन या मेंटल डिजीज आनुवांशिक (Genetic), किसी घटना या बचपन का आघात (Childhood Trauma) के कारण हो सकता है। अगर किसी बच्चे के माता-पिता इस समस्या से गुजर चुके हो तो वह इसका शिकार जल्दी हो जाते हैं। इसके अलावा अगर बच्चे किसी फैमिली प्रॉब्लम, गलत व्यवहार, सिगरेट व शराब का सेवन कर रहे हो तो उनमें भी डिप्रेशन के चांसेस बढ़ जाते हैं।

 

डिप्रेशन के संकेत (Depression Ke Lakshan)

एना चांडी का कहना है कि बच्चों में डिप्रेशन का लक्षण (Depression Symptoms in Hindi) बड़ों से अलग होते हैं। अगर इन्हें सही समय पर पहचान लिया जाए तो उन्हें समय रहते इस समस्या से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं बच्चों में क्या है मानसिक रोग के लक्षण। 

खाने की आदत में बदलाव
नींद की आदत में बदलाव
लगातार उदास और निराश महसूस करना
किसी भी चीज पर दिमाग को एकाग्र करने में मुश्किल
थकान और कमजोरी महसूस होना
हर समय चिड़चिड़ापन रहना
बिना किसी वजह गुस्सा करना
लगातार मूड में बदलाव होना
रोजाना के कार्यों में रूचि न लेना
आत्मविश्वास में कमी आना
सिरदर्द, पेटदर्द आदि से परेशान रहना
हर चीज के लिए खुद को दोषी मानना
छोटी-छोटी बात पर रोना

 

डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले

बच्चों को घर में अच्छा माहौल दें और उन्हें टीचर्स, रिश्तेदार या आस-पड़ोस के लोगों के साथ समय बिताने के लिए कहें। अगर बच्चे के व्यवहार में कोई बदलाव नजर आए तो उनसे प्यार से बात करके इसका कारण पूछे। बच्चों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनके सामने झगड़ा ना करें। इसके अलावा बच्चों के खान-पान का भी खास ख्याल रखें। अगर बच्चे में डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाए तो बेहतर होगा कि आप किसी चिकित्सक से बात करें।


 

Content Writer

Anjali Rajput