CRPF का हीरो ROLO हुआ शहीद, नक्सल ऑपरेशन में निभाई थी अहम भूमिका
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 05:34 PM (IST)

नारी डेस्क: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चल रहे नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े अभियान के दौरान सीआरपीएफ का एक बहादुर डॉग शहीद हो गया। इस डॉग का नाम के9 रोलो था जो विस्फोटक सामग्री ढूंढने और हमले करने में माहिर था। यह शहीदी की घटना कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में हुई जहां उसे 200 मधुमक्खियों के हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी।
सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन
रोलो सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के एक 21 दिन के ऑपरेशन का हिस्सा था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य नक्सलियों के ठिकानों और विस्फोटक सामग्री को ढूंढकर नष्ट करना था। रोलो का योगदान बेहद महत्वपूर्ण था क्योंकि वह विस्फोटकों और अन्य खतरों का पता लगाने में बहुत सक्षम था।
मधुमक्खियों के हमले का शिकार हुआ रोलो
यह दुखद घटना तब हुई जब सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में तलाशी अभियान चला रही थी। अचानक, एक झुंड मधुमक्खियों ने रोलो पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों ने उसके शरीर पर कई डंक मारे। जब रोलो के हैंडलर ने उसे बचाने के लिए उसे एक प्लास्टिक शीट से ढकने की कोशिश की तो मधुमक्खियां शीट के अंदर घुस गईं और रोलो को और ज्यादा काटने लगीं। दर्द और जलन से परेशान होकर रोलो बेकाबू हो गया और उसने शीट हटा दी, जिससे वह और भी ज्यादा मधुमक्खियों के हमले का शिकार हो गया।
बेहोश होने के बाद दम तोड़ दिया रोलो
करीब 200 मधुमक्खियों के हमले से रोलो बुरी तरह से घायल हो गया और बेहोश हो गया। उसके साथियों ने तुरंत उसे मेडिकल सहायता देने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत कमजोर हो चुका था। सीआरपीएफ के जवान उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही रोलो ने दम तोड़ दिया। वेटरनरी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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रोलो की शहादत को मिलेगा सम्मान
रोलो ने अपनी शहादत में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए महान योगदान दिया। वह नक्सलियों के ठिकानों और विस्फोटकों की खोज में बहुत मददगार था। उसकी शहादत को सम्मान देने के लिए सीआरपीएफ उसे गार्ड ऑफ ऑनर देगी। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल ने उसे मरणोपरांत कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित करने की घोषणा की है।
रोलो का जन्म और प्रशिक्षण
रोलो एक खूबसूरत बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल का डॉग था। उसने पिछले महीने अपना दूसरा जन्मदिन मनाया था। उसे सीआरपीएफ के डॉग ब्रीडिंग एंड ट्रेनिंग स्कूल (डीबीटीएस), बेंगलुरु में प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद, अप्रैल 2024 में उसे सीआरपीएफ की 228 वीं बटालियन में नक्सल विरोधी ड्यूटी पर भेजा गया था।
सीआरपीएफ के जवानों का रोलो के लिए प्यार
सीआरपीएफ के जवान रोलो को बहुत प्यार करते थे। वे उसे केवल एक डॉग नहीं, बल्कि एक साथी मानते थे। रोलो का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और उसकी शहादत को श्रद्धांजलि दी जाएगी।