छींक के साथ हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है कोरोना वायरस, नई गाइडलाइंस जारी

punjabkesari.in Thursday, May 20, 2021 - 01:51 PM (IST)

पूरे देश में फैली कोरोनावायरस की दूसरी लहर से निपटने के लिए तमाम एक्सपर्ट और डाॅक्टर इसकी जांच में जुटे हुए हैं जिसे लेकर आए दिन नई-नई खबरें सामने आती रहती हैं। वहीं अब भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपनी सलाह में कहा है कि कोरोनावायरस के एरोसोल हवा में 10 मीटर तक जा सकता है।
 

10 मीटर तक हवा में फैल सकते हैं कोरोनावायरस के एरोसोल
दरअसल, सरकार ने कोविड-19 को लेकर अपनी एक नई 'ईज़ी टू फॉलो' एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यह बात कही गई है कि कोरोनावायरस के संक्रमण मुख्य तौर पर लार और नाक के जरिए होता है, जिसमें वायरस संक्रमित मरीज से ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल्स के जरिए दूसरों तक पहुंचता है। एक संक्रमित मरीज के लार या नाक से 2 मीटर दूर तक ड्रॉपलेट्स गिरते हैं, लेकिन छोटे एयरोसोल के कण 10 मीटर तक हवा में फैल सकते हैं।

 

इन गाइडलाइन का पालन करना ना भूलें
केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के कार्यालय की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए फेस मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, साफ-सफाई रखना और जरूरी वेंटिलेशन अभी भी बेहद जरूरी हैं।



 

एडवाइजरी के अनुसार, भारत में महामारी के मामले बढ़े हैं, ऐसे में हमें फिर से याद करना होगा कि SARS-CoV-2 के संक्रमण को रोकने के लिए आसान तरीके इन्हें कम करने में मदद कर सकते हैं। 
 

पंखें को लेकर भी दी यह सलाह
एडवाइजरी में ऑफिस, ऑडिटोरियम, शॉपिंग मॉल आदि में गैबल फैन सिस्टम और रूफ वेंटिलेटर के उपयोग की सिफारिश की गई है। दिशानिर्देशों के अनुसार,  पंखा रखने की जगह भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पंखा ऐसी जगह पर नहीं होना चाहिए जहां से दूषित हवा सीधे किसी और तक जा सके।
 

संक्रमित शख्स में लक्षण नहीं भी हैं तब भी खतरा-
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपनी सलाह में कहा गया है कि संक्रमित व्यक्ति के 2 मीटर के दायरे में ड्रॉपलेट्स गिरती हैं. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर किसी संक्रमित शख्स में लक्षण नहीं भी हैं तब भी उससे पर्याप्त ड्रॉपलेट्स निकल सकती हैं जिससे और लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।



 

सिर्फ यहीं मास्क पहनें- 
सलाह के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस छोड़ने, बात करने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने या छींकने आदि के दौरान लार और नाक के जरिए ड्रॉपलेट्स और एरोसोल बन सकते हैं जो वायरस का ट्रांसमिशन फैला सकते हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को डबल मास्क या एन95 मास्क पहनना चाहिए।

 

Content Writer

Anu Malhotra