आसान हुआ Corona Test, अब ''गरारे'' से हो सकेगी कोविड-19 जांच, जानिए कैसे

punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 05:35 PM (IST)

कोरोना काल में हर कोई वायरस से बचाव के लिए तरह-तरह के घरेलु नुस्खों, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि गाइडलाइनों का पालन कर रहा हैं लेकिन इसी बीच यह भी देखा गया है कि कई मरीज़ों में बिना लक्षणों के रिपोर्ट पाॅजिटिव आई हैं। जहां अब तक लोग कोरोना टेस्ट के लिए  RT-PCR करवाते आए है वहीं अब इस स्वाब टेस्ट (Swab Test) की जरूरत नहीं होगी, दरअसल, NEERI ने नमूने लेने और प्रसंस्करण का आसान व तेज तरीका विकसित किया है। दरअसल, अब लोग 'गरारे' करके ही कोविड-19 की जांच कर सकेंगे आईए जानते हैं कैसे-

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस की जांच के लिए नमूने लेने और उनके प्रसंस्करण का आसान एवं तेज तरीका विकसित किया है जो ग्रामीण एवं जनजातीय इलाकों में इस्तेमाल किया जा सकता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने कहा कि यह तरीका आसान, तेज, किफायती एवं मरीजों के अनुकूल  है। 

CSIR ने कहा कि मामूली ढांचागत जरूरतों के चलते यह ग्रामीण एवं जनजातीय इलाकों के लिए उपयुक्त है। नागपुर स्थित नीरी सीएएसआईआर की घटक प्रयोगशाला है।

गेमचेंजर साबित हो सकता है यह तरीका-
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि यह तरीका गेमचेंजर साबित हो सकता है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे अनुमति दे दी है।
 

मुंह और नाक के अंदर रूई के फाहे डालकर टेस्ट करना थोड़ा कठिन-
NEERI में पर्यावरणीय विषाणु विज्ञान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक कृष्ण खैरनार ने कहा कि रूई के फाहों से नमूने लेने की प्रक्रिया में समय लगता है। इसके अलावा, क्योंकि यह नाक और मुंह के अंदर रूई के फाहे डालकर नमूने लिए जाने की प्रक्रिया है इसलिए यह मरीजों के लिए थोड़ी असुविधाजनक है।
 

 सलाइन गार्गल से रिजल्ट तीन घंटे के अंदर आ जाते हैं-
उन्होंने बताया कि, कभी-कभी, नमूनों को संकलन केंद्र तक ले जाने के दौरान यह गुम भी हो जाता है। वहीं, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीका तत्काल, सुविधाजनक एवं मरीजों के अनुकूल है। नमूने तुरंत ले लिए जाते हैं और परिणाम तीन घंटे के भीतर आ जाते हैं।'

अब मरीज़ खुद ही करेगा अपना कोरोना टेस्ट-
इस प्रक्रिया में शरीर के किसी हिस्से में कोई उपकरण नहीं डालना होगा। उन्होंने बताया कि नाक और मुंह में रूई के फाहे से नमूने लेने के तरीके में तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है और समय भी लगता है। लेकिन अब इसकेविपरीत सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीके में साधारण ट्यूब होती है जो नमकीन घोल से युक्त होती है।
 

कैसे काम करता है ये आधुनिक तरीका 
मरीज को इस नमकीन घोल से गरारा करना होता है और इसे ट्यूब में डालना होता है। इस ट्यूब में लिए गए नमूने को लैब में ले जाया जाता है जहां उसे सामान्य तापमान पर नीरी द्वारा तैयार विशेष बफर घोल में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर आरएनए टैंपलेट बनता है जिसे आरटी-पीसीआर के लिए प्रसंस्कृत किया जाता है। सीएसआईआर ने बताया कि नागपुर नगर निगम ने इस तरीके से जांच के लिए अनुमति दे दी है।

इससे पहले रैपिड होम-टेस्ट किट को मिल चुकी है मंजूरी-
जानकारी के लिए बतां दें कि इससे पहले ICMR ने पुणे की एक कंपनी को कोविड-19 जांच के लिए अपनी नई सेल्फ-यूज रैपिड होम-टेस्ट किट के लिए मंजूरी दे दी थी। जांच की रिपोर्ट सिर्फ 15 मिनट में मिल जाएगी। 250 रुपए की कीमत वाली देश की पहली कोविड-19 होम-टेस्ट किट 'कोविसेल्फ' नाम से, मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस, पुणे द्वारा विकसित की गई है, और कुछ दिनों के भीतर बाजारों में आ जाएगी।


 

Content Writer

Anu Malhotra