Corona Alert: वायरस से निपटने के लिए भारत को क्यों चाहिए 30 दिन?

punjabkesari.in Thursday, Mar 19, 2020 - 03:45 PM (IST)

कोरोना वायरस के चलते देश के कई हिस्सों में स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, क्लब, यहां तक कि ऑफिस को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 2 हफ्ते भारत के लिए बेहद गंभीर है। अगर इस दौरान सावधानी नहीं बरती गई तो भारत को वुहान बनने में समय नहीं मिलेगा।

 

ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव ने कहा, 'अगले 30 में यह तय होगा कि देश में कोरोना का असर कितना होगा।' वैसे तो कोरोना के दूसरे स्‍तर (Level 2) से तीसरे स्तर (Level 3) तक पहुंचने यानी वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन को निश्चित माना जा रहा है लेकिन फिलहाल उन्हें यह नहीं पता कि कोरोना के खिलाफ हमारी जंग कहा तक सही है।

अभी चौथे स्टेज पर नहीं पहुंचा कोरोना

डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना के मामले में 30 जनवरी को केरल में चीन से आए 3 मरीजों के साथ शुरू हुआ, जो इसका पहला स्टेज था। दूसरी स्टेज वह था जब फरवरी के आखिर में यह दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित करने लगा। इस वायरस को पहले स्टेज से दूसरे स्टेज तक पहुंचने में एक महीने का समय लगा। तीसरा स्टेज सबसे अहम है। जब वह सामान्य लोगों के बीच फैलने लगता है। बड़ी जनसंख्या को अपनी चपेट में लेने के बाद यह वायरस महामारी का रुप ले लेगा, जो चौथा स्टेज कहा जाता है।

भारत में नहीं शुरू हुआ कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन

डॉक्टर्स बता रहे हैं कि भारत में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल रहा। यहां अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। यही कारण है कि दो महीने में कोरोना से ग्रस्ट मरीजों की संख्या 150 के करीब पहुंच पाई है। जबकि इटली व ईरान में पहुंचने के बाद महीनेभर में हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए थे।

इटली, ईरान, चीन जैसे देशों को नहीं मिला वक्त

चीन, ईरान और इटली समेत तमाम यूरोपीय देशों में यह वायरस कुछ दिनों में तीसरे स्टेज पर पहुंच गया, जिसके बाद उन्हें तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाया और वहां की स्थिति भयानक हो गई। मगर, भारत को इस वायरस के बारे में जल्द पता चल गया है इसलिए मामले को बिगड़ने से पहले संभाला जा सकता है।

भारत के लिए बहुत अहम है अगले 30 दिन

पिछले 2-3 दिनों में कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। वहीं 3 लोगों के मरने की खबर भी आई है इसलिए 30 दिन बहुत मायने रखते हैं। कोरोना संक्रमण की गति भी अगले 25-30 दिनों में पूरी तरह दिखने लगेगी। वहीं डॉक्टर्स व सरकार को अभी इस बात का जानकारी भी नहीं कि लोगों की सेफ्टी के लिए जो कदम उठाए गए हैं वो पर्याप्त थे भी या नहीं। देश में बाहर से आने जाने-वालों पर तो रोक है लेकिन बावजूद इसके कोरोना भारत में प्रवेश कर चुका है।

तीसरे स्‍टेज को रोकना संभव नहीं

डॉ. भार्गव का कहना है कि हर वायरस का एक समय चक्र होता है। चीन के वुहान से शुरू हुआ यह वायरस करीब 150 देशों में फैल चुका है। मगर, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और सिंगापुर जैसे देश इसे शुरूआत में रोकने में सफल रहें। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें वायरस को समझने का मौका मिल गया था। ऐसे में डॉक्टरों की कोशिश यही है कि इसे धीमा कर दिया जाए। जितनी देर होगी उतना ही कोरोना का असर कम हो जाएगा। वहीं जांच और इलाज की सुविधाओं से लेकर आम आदमी को जागरूक बनाने में भी मदद मिलेगी।

महामारी के रूप में फैलने की आशंका कम

ICMR मानना है कि भारत में कोरोना के महामारी बनने की आंशका फिलहाल कम है। इस वायरस को किसी एक समुदाय या बड़ी संख्या में फैलने से रोका जा सकता है, जैसा निपाह वायरस के मामले में हुआ था। बता दें कि निपाह वायरस जयपुर के आस-पास के बड़े इलाके में फैल गया था लेकिन उसे वहीं रोक दिया गया।

14 दिन में दोबारा नजर आ सकते हैं लक्षण

जरूरी नहीं कि अगर कोरोना से ग्रस्त व्यक्ति ठीक हो गया है तो उसे यह दोबोरा नहीं होगा। हो सकता है कि उसमें रिजल्ट नेगेटिव आए लेकिन 14 दिन बाद यह लक्षण दोबोरा नजर आ सकते हैं। यही वजह है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को एक बार होने के बाद कोरोना दोबारा नहीं होगा इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। वैसे जापान और दूसरे देशों में कुछ मामलों में दोबारा कोरोना से ग्रसित होने की बात सामने आई है।

कोरोना वायरस की सीमित जानकारी

फिलहाल वैज्ञनिकों के पास इस वायरस के बारे काफी कम जानकारी है। यही नहीं, एक ही मरीज से लिए गए सैंपल में कोरोना वायरस में अलग-अलग लक्षण दिखे हैं, जो वायरस के तेजी से अपना रंग-रूप बदलने का सबूत है। मार्च के पहले हफ्ते में इटली से आए वायरस का सैंपल मिला है। अगर कोविड-19 का वायरस इंफ्लुएंजा वायरस की तरह परिवर्तित होता रहेगा तो इसके खिलाफ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।

फिलहाल भारतीय वैज्ञानिकों के पास इसी अधिक पुख्ता जानकारी नहीं है इसलिए आपकी सावधानी में ही सुरक्षा है।

Content Writer

Anjali Rajput