Summer Spl: लू, फीवर और डायरिया के बढ़े 50 % मामले, यूं करें खुद का बचाव

punjabkesari.in Wednesday, Apr 24, 2019 - 06:56 PM (IST)

गर्मियों के साथ-साथ वायरल फीवर, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों ने भी दस्तक देे ही है। डॉक्टरों के मुताबिक, वायरल बुखार, डायरिया और उल्टी-दस्त से ग्रस्त मरीजों की संख्या 50% तक दर्ज की गई है, जिसमें हर उम्र के लोग शामिल है। ऐसे में बदलते मौसम के साथ-साथ सेहत को लेकर सावधानी बरतना और भी जरूरी हो गया है।

आज हम आपको गर्मियों में होने वाली कुछ कॉमन बीमारियों और उनसे बचने के उपाय बताएंगे, जिससे आप इनका खतरा काफी हद तक कम कर सकते हैं।

हे फीवर (Hay Fever)

अन्य बुखार के मुकाबले हे फीवर फीवर किसी बैक्टीरिया या वायरस से नहीं फैलता बल्कि यह बाहरी व अंदर की एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह बुखार पराग, धूल के कण, बिल्ली, कुत्ते जैसे पालतू जानवरों की त्वचा और लार के सम्पर्क में आने या पंखों के कारण होता है। शोध के अनुसार, भारत के 25 फीसदी लोग हे फीवर की चपेट में हैं यानि हर पांच में से एक व्यक्ति इससे पीड़ित है।

हे फीवर के लक्षण

इस बैक्टीरियल इंफैक्शन में नाक से पानी निकलना, नाक बंद हो जाना, लगातार छींक आना, खांसी आना , आंख-नाक और गले में खुजली, आंखों में पानी आना और आंखों के नीचे काले घेरे जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

हे फीवर से ऐसे करें बचाव

घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें।
धूम्रपान से परहेज करें और इसके धुएं के संपर्क में भी ना आए।
अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, लौंग व मिश्री का चाय बनाकर पीएं।
सेतुबंधासन, कपालभाति प्राणायाम, सर्वांगासन, वीरभद्रासन और अनुलोम-विलोम करें।
घर की सफाई के लिए झाड़ू की बजाए वैक्यूम क्लीवर का इस्तेमाल करें। अगर वैक्यूम क्लीनर नहीं है तो मुंह को कवर करके झाड़ू लगाएं।
पर्दे, बेडशीट और कालीन को समय-समय पर धूप लगवाएं, ताकि उसमें मौजूद कण निकल जाए।
जानवरों से दूर रहें।
एकदम गर्म से ठंडे और ठंडे से गर्म माहौल में जानें से बचें। इससे इस फीवर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
अधिक एलर्जी हो तो एंटी-मेडिसन लेने की बजाए डॉक्टरों से सलाह लें।

 

हीट स्ट्रोक

लंबे समय तक धूप में या फिर बहुत तेज तापमान में रहने की वजह से जब आपके शरीर का तापमान अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो इसे हीट स्ट्रोक या हापरथर्मिया कहते हैं। शोध के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 40 लाख से अधिक मामले लू यानि हीट स्ट्रोक के होते हैं।

लक्षण

लक्षणों की बात करें तो इसमें तेज बुखार, सिर में दर्द, उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना, मांसपेशियों में खिंचाव, दिल की धड़कन तेज, खूब पसीना आना, त्वचा का रंग लाल हो जाना, मांसपेशियंओं और पेड़ू में एेंठन जैसी परेशानियां होती है।

ऐसे करें बचाव

ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें।
तेज धूप में निकलने से बचे और ठंडी जगह पर रहें।
ढीले और सूती कपड़े पहने, जो पतले भी हों।
धूप में पार्क की गई कार में देर तक बैठने से या किसी को भी छोड़ने से बचें।
हैट या टोपी पहनकर घर से बाहर निकलें।
12-3 बजे के बीच आउटडोर एक्टिविटीज से दूर रहें।
कमरे के तापमान को कम कर दें और खिड़कियां खुली रखें।
पानी पीने की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।

 

वायरल फीवर

गर्मी बढ़ने के साथ-साथ लोग तेजी से वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। तापमान में कमी या बढ़ौतरी से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है, जिस कारण वायरस शरीर को बहुत जल्दी संक्रमित करता है।

लक्षण

वायरल फीवर में तेज बुखार के साथ आंखें लाल होना, खांसी-जुकाम, जोड़ों में दर्द व सूजन, थकान, नाक बहना, बदन दर्द, भूख न लगना, कमजोरी महसूस होना और सिरदर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

ऐसे करें बचाव

वायरल से बचने के लिए घर में साफ सफाई रखें।
कहीं भी पानी जमा न होने दें।
बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।
बाजार की चीजें ना खाएं।
उबला हुआ पानी पिलाएं।
धनिया की चाय बनाकर पीएं।
तुलसी और लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से भी आराम मिलेगा।

डायरिया

डायरिया की प्रॉब्लम अक्सर शरीर में पानी और नमक की कमी की वजह से होती है। ऐसे मौसम में अपना ख्याल ना रखा जाएं तो दस्त से जुड़ी प्रॉब्लम्स जैसे पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट मरोड़ना, उल्टी आना, बुखार और शरीर में कमजोरी हो जाती है। वहीं एक से ज्यादा पतली दस्त होने पर चिकित्सक से सलाह लें।

लक्षण

एक से ज्यादा पतली दस्त होने के साथ डायरिया में पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, पेट में दर्द, हल्का सिरदर्द, चक्कर आना और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

ऐसे करें बचाव

1 गिलास पानी में 2 चम्मच चीनी, चुटकीभर नमक व नींबू का रस मिलाकर पीएं।
इसमें नारियल पानी बहुत फायदेमंद है।
दाल का पानी, चावल का मांड़ और दही-केला खाएं।
पानी में सौंफ का चूर्ण मिलाकर पिलाने से आराम मिलेगा।
मसालेदार खाने से परहेज करें।

 

आंखों में इंफैक्शन

गर्मी के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस यानी आंखों के लाल होने की समस्या भी काफी देखने को मिल रही है। यह समस्या वायरस, बैक्टीरियल इंफैक्शन, धूल-मिट्टी, बढ़ते प्रदूषण या किसी चीज से एलर्जी के कारण होती है। यह परेशानियों 4 से 7 दिनों तक रहती है। चूंकि यह वायरल इंफेक्शन है तो यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण

आंखों का रंग पिंक या हल्का लाल होना।
आंखों से पानी निकलना और जलन रहना।
खारिश और सूजन आना। 
आंखों के साइडो पर पपड़ी बनना।

ऐसे करें बचाव

आंखों को बार-बार छूने से बचें।
आंखों से पानी निकल रहा हो तो उसे पोंछने के लिए साफ तौलिए या रूमाल का यूज करें।
अपने तौलिए या रुमाल को दूसरों के साथ शेयर न करें।
अपने आईस कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स को भी दूसरों के साथ शेयर न करें।
बर्फ के टुकड़े से आंखे साफ करने से इसमें इंफैक्शन दूर होती है।
आंखों से इंफैक्शन हटाने के लिए गर्म दूध और शहद बराबर मात्रा में लें।
गुलाब, लेवेंडर या कैमोमाइल तेल को गर्म करके कपड़े पर डालें और फिर आंखों पर रखें।

Content Writer

Anjali Rajput