50 की उम्र में एकदम बढ़ जाता है 5 बीमारियों का खतरा, पहचानें शुरुआती लक्षण और बचें लाखों खर्च से

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 02:30 PM (IST)

 नारी डेस्क: जब उम्र 50 साल के करीब आती है, तो शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, हड्डियां पतली होने लगती हैं, मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है और इम्यून सिस्टम पहले जैसा मजबूत नहीं रहता। इसके चलते सांस संबंधी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हड्डियों की कमजोरी और दिमागी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन समय रहते सही लाइफस्टाइल, सही आहार और नियमित चेकअप से इन बीमारियों को आसानी से रोका जा सकता है और स्वास्थ्य बेहतर रखा जा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर कपिल त्यागी के अनुसार, इन पांच बड़ी बीमारियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

 दिल की सेहत का ख्याल रखें

50 साल के बाद नसें सख्त होने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। तली-भुनी चीजें, नमकीन स्नैक्स और ज्यादा नमक खाने से बचें। इसके बजाय फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हल्का प्रोटीन वाला खाना खाएं। नियमित ब्लड प्रेशर जांच, योग, मेडिटेशन और डॉक्टर की बताई दवाओं का सही समय पर सेवन दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

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 डायबिटीज पर नियंत्रण रखें

उम्र बढ़ने के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है और एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा होता है। मीठे पेय, मिठाइयां और पैकेट वाला फूड कम खाएं। इसके बजाय ओट्स, दालें, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन लें। रोज हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या भोजन के बाद टहलना ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही नियमित ब्लड शुगर की जांच जरूर कराएं।

 मानसिक सेहत को मजबूत बनाएं

उम्र बढ़ने पर याददाश्त कमजोर होने लगती है और डिमेंशिया जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। दिमाग को एक्टिव रखने के लिए पजल्स हल करें, किताबें पढ़ें और नई चीजें सीखें। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। ओमेगा-3 से भरपूर मछली, नट्स और सीड्स का सेवन और पूरी नींद लेना याददाश्त और मानसिक स्थिति सुधारने में मदद करता है।

 जोड़ और हड्डियों की सुरक्षा

60 साल के बाद जोड़ों में दर्द, जकड़न और आर्थराइटिस जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। जोड़ मजबूत रखने के लिए रोजाना टहलना, योग या तैराकी करें। कैल्शियम और विटामिन D युक्त दूध, हरी सब्जियां और दही हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। वजन नियंत्रित रखने से जोड़ों पर दबाव कम होता है। यदि दर्द या जकड़न हो, तो गुनगुने पानी से स्नान या गर्म सिकाई राहत देती है।

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 आंख और सांस की समस्याओं पर ध्यान

उम्र बढ़ने पर सुनने और देखने की क्षमता कम हो सकती है। मोतियाबिंद, आंखों का नंबर बदलना और उम्र से जुड़ी सुनने की कमजोरी आम समस्याएं हैं। इसके अलावा फेफड़ों की बीमारियां जैसे COPD बुजुर्गों में पाई जाती हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। इसलिए नियमित जांच, साफ-सफाई, प्रदूषण और धूल से बचाव और डॉक्टर की सलाह पर टीकाकरण जरूरी है।

50 साल की उम्र में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सही आहार, नियमित एक्सरसाइज, मानसिक सेहत का ख्याल और समय-समय पर जांच कराकर आप इन पांच प्रमुख बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं और सेहतमंद जीवन जी सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह की दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। सही जानकारी और उपचार के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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