ब्रिटेन के SaNOtize में क्लीनिकल ट्रायल हुआ सफल, COVID-19 ट्रीटमेंट में कारगर निकला सैनोटाइज नेसल स्प्रे

punjabkesari.in Thursday, Apr 15, 2021 - 09:58 PM (IST)

पूरी दुनिया में मंडराते कोरोना संकट को पूरा एक साल हो गया है लेकिन अभी कोरोना का प्रकोप जारी है। भारत समेत कई देशों में हर दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। वहीं इस बीच ब्रिटेन से एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल,ब्रिटेन के एक क्लीनिकल ट्रायल में 'सैनोटाइज' से कोरोना के बेहतर ढंग से इलाज में बड़ी कामयाबी मिली है। ट्रायल के अनुसार सैनोटाइज के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीज़ में वायरस का असर 24 घंटे में 95 फीसदी और 72 घंटे में 99 फीसदी तक  कम हो गया।

 

SaNOtize द्वारा किया गया ट्रायल-
जानकारी के लिए बतां दें कि ये क्लीनिकल ट्रायल बॉयोटेक कंपनी सैनोटाइज रिसर्च एंड डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन (SaNOtize) और ब्रिटेन के एशफोर्ड एंड पीटर्स अस्पताल द्वारा किया गया है। इस ट्रायल में मिले सकारात्मक परिणाम की घोषणा शुक्रवार को की गई। 

 

नेजल स्प्रे (NONS) बेहद प्रभावी एंटी वायरल ट्रीटमेंट-
ट्रायल में आए रिजल्ट के मुताबिक सैनोटाइज, एक नाइट्रिक नेजल स्प्रे (NONS) है जो बेहद ही सुरक्षित और प्रभावी एंटी वायरल ट्रीटमेंट है।  ये कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी मददगार है। इसके अलावा वायरल के असर को भी कम कर रहा है। वहीं यह भी बतां दें कि ये जो मरीज पहले से संक्रमित हैं, उनमें नुकसान को भी कम करने में सफल साबित हुआ है। 

 

72 घंटे में वायरल लोड 99 फीसदी हुआ कम-
इस ट्रायल के लिए कोरोना से संक्रमित 79 मरीजों पर सैनोटाइज के असर का आकलन किया गया था। नेजल स्प्रे के इस्तेमाल से संक्रमित मरीजों में सॉर्स-कोव-2 वायरस लॉग का लोड कम हुआ। पहले 24 घंटे में औसत वायरल लॉग घटकर 1.362 हो गया वहीं, इसके बाद 24 घंटे बाद वायरल लोड में 95 फीसदी की कमी दर्ज की गई जबकि 72 घंटे में ये वायरल लोड 99 फीसदी से भी ज्यादा कम हो गया। बतां दें कि ट्रायल में शामिल किए गए मरीजों में ज्यादातर कोरोना के यूके वेरिएंट से संक्रमित थे। राहत की खबर यह है कि  स्टडी के परिणाम में ये भी बात सामने आई  है कि इस ट्रायल के समय मरीजों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया।

 

वायरल लोड घटाने वाला एकमात्र उपचार है एनओएनएस- 
मनुष्यों में कोरोना वायरस का लोड कम करने के लिए एनओएनएस एकमात्र नोवल थैरापेटिक ट्रीटमेंट है। यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार नहीं है।मोनोक्लोनल एंटीबॉडी काफी Specific, महंगे होते जो कि अस्पतालों में भर्ती होने के बाद नसों में इंजेक्शन देकर ही किए जा सकते हैं। सैनोटाइज ऊपरी वायुमार्ग में वायरस को मारने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इससे इनक्यूबेट करने और वायरस को फेफड़ों में फैलने से रोका जा सकता है।

Content Writer

Vandana