Inspirational: 20 रु. से करियर शुरू करने वाली चीनू आज साल के कमाती हैं 7.5 करोड़
punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2019 - 01:39 PM (IST)
जिंदगी में आगे बढ़ना हो तो कभी भी निराशा को खुद पर हावी मत होने दें। जब भी कभी निराशा महसूस हो उससे लड़ कर खुद पर हिम्मत रखें। समय कितना भी खराब क्यों न हो हमेशा अपने आस पास पॉजीटिविटी फील करें। इसी बात को 37 साल की चीनू ने साबित किया। 15 साल की उम्र में किसी कारण से घर छोड़ने वाली चीनू ने हार न मान कर खुद को एक सफल उद्यमी के तौर पर स्थापित किया। आज वह न केवल बिजनेस सेक्टर में बल्कि महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है।
निराशा से भी नही हार
15 साल में घर छोड़ने वाली 37 साल की चीनू तब नही जानती थी कि एक दिन वह साल भर में 7.5 करोड़ रुपए कमाएगी। वह न केवल एक सफल उद्यमी है बल्कि जिस तरह से अपने संघर्ष भरे जीवन से आगे बढ़ी है सबके लिए प्रेरणादायक है। आज वह एक फैशन एक्सेसरी ऑनलाइन ब्रांड रुबांस एक्सेसरीज की ऑनर है। उन्होंने बचपन से ही ऐसे सपने देखे है कि वह आगे बढ़ती है, कभी भी पीछे नही हटी है।
घर छोड़, बेचा था चाकू व कोस्टर
अपने घर को छोड़ने के बाद चीनू काला को नही पता था कि उन्हें आगे क्या करना है या उनके साथ क्या होगा। अपने गुजर बसर के लिए उन्होंने घर-घर जा कर चाकू व कोस्टर को बेचा। जिससे वह प्रतिदिन 20 रुपये कमाती थी। तब उन्हें जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लोग उनसे प्रोडेक्ट खरीदने से मना कर देते। कुछ उनके मुंह में ही दरवाजा पटक देते। कई बार उन्हें दिन में एक बार ही भोजन करने को मिलता था। तब वह अपने जीवन के बड़े सपने देखती थी, उन्होंने कभी भी अपने जीवन में निराशा को स्थान नही दिया।
मिसेज पेजेंट इंडिया ने दिलाई पहचान
चीनू ने खुद को परखने के लिए 8 साल तक विभिन्न तरह की नौकरियां की। उसके बादे 2004 में उन्होंने बेंगलुरु में शादी की। उस समय उनके दोस्तों के कहने के बाद 2008 में मिसेज इंडिया पेजेंट में भाग लिया। इसके फाइनल राउंड में पहुंचने के बाद उन्होंने मॉडलिंग करियर में प्रवेश किया। इसके बाद उद्योग शुरु करने के लिए फोंटे कॉर्पोरेट सॉल्यूशंस के साथ काम शुरु किया। इसमें इंवेस्ट करने के लिए मेरे पास पैसे नही थे। तब मैंने कॉर्पोरेट मर्चेडाइजिंग में अपने करियर की शुरुआत की।
जगह के लिए 3 महीने किया संघर्ष
कॉर्पोरेट मर्चेडाइजिंग के अनुभव व फैशन के प्रति अपने प्यार को देखते हुए चीनू ने फोनेट कॉरपोरेट सॉल्यूशंस को बंद कर 2014 में रुबांस एक्सेसरीज की स्थापना की। ज्यूलरी बिजनेस शुरु करते हुए उन्होंने फील किया की भारतीय आभूषण उद्योग में एक बहुत बड़ा अंतर है। यहां पर लोगों के लिए यूनिक डिजाइन नही है। तब उन्होंने बेंगलुरु में 3 लाख रुपए की इंवेस्टमेंट के साथ फीनिक्स मॉल में काम की शुरुआत की। 5 सालों में ही कंपनी ने 7.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस काम की शुरुआत करना उनके लिए आसान नही था, शुरु में मॉल में जगह देने से प्रबंधको ने मना कर दिया था। रुबन में बेेचे जाने वाले सामान में कोई ब्रांडिंग नही थी। उस मॉल में जगह लेने के लिए उन्होंने तीन महीने तक मॉल के प्रबंधक का पीछा किया।
15 दिन में बेचे 15 लाख के गहने
मॉल में दुकान खोलने के लिए जगह तो मिल गई, लेकिन उस जगह का कब्जा लेने के लिए पैसे नही थे। उस समय उनके पास सिर्फ अच्छे गहनों की क्लेक्शन थी। मॉल में स्टोर खोलने के बाद उन्होंने 15 दिन में अपने गहने बेच कर 15 लाख रुपए कमा लिए थे। उसके बाद उन्होंने अपना दूसरा स्टोर खोला। धीरे धीरे उनका स्टोर हैदराबाद व कोच्चि में भी खोला गया। इस समय जयपुर, राजकोट, अहमदाबाद, कोलकाता जैसे शहरो में उनका स्टोर है। वह खुद गहनों को डिजाइन करती है।
शुरु किया ऑनलाइन काम
अलग अलग जगह पर अपने स्टोर खोलने के बाद उन्हें एहसास हुआ की ग्राहको का आधार कम हो रहा है। ब्रिकी में किसी तरह की गिरावट नही आई, लेकिन दुकान की फुटफॉल कम हो रही थी। काफी ग्राहको ने खुद को ऑनलाइन पर शिफ्ट कर लिया, क्योंकि यह उनके लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना आसान लगता है। उन्हें घर से बाहर नही जाना पड़ता है। इससे ऑफलाइन स्टोर बंद होने पर उनका काम ऑनलाइन स्टोर पर आ गया।
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