Chaitra Navratri 2019: शुभ मूहूर्त में करें कलश पूजन, जानिए स्थापना का महत्व

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2019 - 05:25 PM (IST)

देवी मां के नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से शुरु हो रहे हैं जो 14 अप्रैल तक चलेंगे। साल की शुरुआत में ही आने वाले पहले चैत्र नवरात्रों की तैयारियां जोरो शोरो पर चल रही हैं। 9 दिन चलने वाले इस पावन पर्व में सबसे पहले दिन कलश पूजन होता है। पहले दिन पंडितों को घर  बुलवाकर शुभ समय और विधि से कलश स्थापना की जाती हैं लेकिन यह जरूर नहीं कि पंडित बुलवाएं ही जाएं आप खुद भी शुभ मुहूर्त और विधि के अनुसार कलश स्थापना कर सकते हैं। 

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

6 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 26 मिनट तक कलश की स्थापना करें।

 

क्यों की जाती है नवरात्रि पर कलश स्थापना?

कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है। मान्यता है कि कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है और शक्ति की इस देवी का नवरात्रि से पहले वंदना शुभ मानी जाती है। इससे मां भक्त के घर में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाती हैं।

कलश स्थापना के लिए सामग्री

मिट्टी का पात्र, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोका या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला।


यूं करें कलश स्थापना

1. पहले दिन नहाकर मंदिर की सफाई करें या फिर जमीन पर माता की चौकी लगाएं। 
2. सबसे पहले भगवान गणेश जी का नाम लें।
3. मां दुर्गा की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी फिर जौ डालें. 
4. कलश या लोटे पर मौली बांधें और उस पर स्वास्तिक बनाएं।
5. लोटे (कलश) पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया डालें।
6. अब लोटे (कलश) के ऊपर आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रखें।
7. अब इस कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीचोबीच रख दें।
8. अब माता के सामने व्रत का संकल्प करें। 
9. नवरात्रि के आखिरी दिन कंजक पूजन जरूर करें। 

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Vandana