नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ?  रंग से जानिए शुभ-अशुभ संकेत

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2019 - 03:35 PM (IST)

देवी मां के नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से शुरु हो रहे हैं जो 14 अप्रैल तक चलेंगे। साल की शुरुआत में ही आने वाले पहले चैत्र नवरात्रों की तैयारियां जोरो शोरो पर चल रही हैं। 9 दिन चलने वाले इस पावन पर्व में सबसे पहले दिन कलश पूजन होता है। पहले दिन पंडितों को घर  बुलवाकर शुभ समय और विधि से कलश स्थापना की जाती हैं । 

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

6 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 26 मिनट तक कलश की स्थापना करें। 

जौ ही क्यों बीजे जाते हैं?

मिट्टी के बर्तन में जौ ही बीजे जाते हैं यह तो सब जानते हैं लेकिन जौ ही क्यों बोए जाते हैं, इस बारे में बहुत लोगों को नहीं पता होगा। चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके महत्व के बारे में ...

पूजा में जौ का महत्व

धर्मग्रन्थों के अनुसार, ऐसा माना जाता है जब सृष्टि की शुरूआत हुई थी तो पहली फसल जौ ही थी। यही कारण है जब भी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ का इस्तेमाल किया जाता है।

जौ के रंग से मिलते हैं शुभ-अशुभ संकेत

साधारण तौर पर नवरात्रि पर बीजे गए जो 2-3 दिनो में अंकुरित हो जाते हैं लेकिन अगर यह न उगे तो भविष्य में समय सही ना रहने के संकेत मिलते हैं।

अगर उगने वाला जौ का रंग पीला या आधा पीला और आधा हरा हो तो इसका मतलब आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा।

अगर जौ नीचे से सफेद और ऊपर से हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर ऐसा होता है तो यह मान लिया जाता है कि पूजा सफल हो गई। आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा।

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Vandana