छठ पूजा पर सिर्फ ठेकुआ नहीं, इन पारंपरिक प्रसादों का भी है खास महत्व
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 07:08 PM (IST)
नारी डेस्क : लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा केवल व्रत और अर्घ्य का ही नहीं, बल्कि पारंपरिक प्रसादों का भी प्रतीक है। यह प्रसाद न सिर्फ श्रद्धा से बनाए जाते हैं, बल्कि हर एक का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी होता है। छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जब सात्विक भोजन के रूप में कद्दू-भात बनाया जाता है। इसके बाद अगले दिनों में ठेकुआ, रसिया, पुए और चने की दाल-भात जैसे प्रसाद घर-घर में तैयार किए जाते हैं।
छठ का महाप्रसाद: ठेकुआ
छठ का सबसे प्रमुख प्रसाद ठेकुआ है। इसे महाप्रसाद भी कहा जाता है। गेहूं के आटे, सूखे नारियल, घी और गुड़ या चीनी से तैयार किया गया यह पकवान खास तौर पर पवित्रता के साथ बनाया जाता है। माना जाता है कि इस प्रसाद का स्वाद और सुगंध घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाती है।

रसिया: गुड़ की खीर
छठ का एक और महत्वपूर्ण प्रसाद है रसिया। यह दरअसल गुड़ से बनी खीर होती है। इसे चावल, दूध और गुड़ से तैयार किया जाता है। रसिया का रंग हल्का भूरा और स्वाद अत्यंत मनभावन होता है। यह व्रती महिलाओं के लिए ऊर्जा का उत्तम स्रोत माना जाता है।
यें भी पढ़ें : छठ पर्व में नारंगी टीका नाक से क्यों लगाती हैं महिलाएं? जानें ऑरेंज सिंदूर का धार्मिक महत्व
पुआ और मालपुआ
कई घरों में पुआ या मालपुआ भी बनाया जाता है। गेहूं के आटे, गुड़ और दूध से बने ये पकवान प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं। इसकी खुशबू पूरे घर में भक्ति का माहौल बना देती है।

प्रसाद का महत्व
छठ के प्रसाद को बिना लहसुन-प्याज, पवित्र जल और मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है। यह सात्विकता और मन की शुद्धता का प्रतीक है। माना जाता है कि इन प्रसादों को श्रद्धा से बनाने और ग्रहण करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

