रोगों से मुक्ति, बुद्धि और शक्ति के लिए नवरात्रि में करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप

punjabkesari.in Tuesday, Apr 09, 2024 - 04:59 PM (IST)

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है।  हिन्दु धर्म में नवरात्रि के ये 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। धार्मिक मान्यता यह है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना  सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही नवरात्रि में कुछ मंत्र भी बेहद प्रभावशाली होते हैं। माना जाता है कि  इन मंत्रों का शुद्ध और सच्चे मन से उच्चारण करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और हर काम में सफलता मिलती है। चलिए जानते हैं देवी मां को प्रसन्न करने के लिए किन मंत्रों का करना चाहिए जाप।

PunjabKesari
 रोगों से मुक्ति दिलाएगा ये मंत्र


रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।।


रोगों से मुक्ति पाने के लिए  सबसे सरलतम उपाय है मां दुर्गा का यह चमत्कारिक मंत्र। इसका जिक्र मां दुर्गा सप्तशती में मिलता है। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से  श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का जप करेगा उसके रोग अपने आप समाप्त हो जाएंगे। 

दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए


'देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌,
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।'


 दुर्भाग्य कोसौभाग्य में बदलने के लिए देवी मां के एक मंत्र का जप जरूर करें। मान्यता है कि इससे जीवन की सभी समस्याएं दूर होकर खुशहाली का आगमन होता है।

दुर्गा मां को करें प्रणाम


या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 दुर्गा शप्तसती का यह मंत्र  दस दिन तक घरों और मंदिरों में गूजेंगा। देवी के इस मंत्र का अर्थ है कि हे मां! आप सर्वत्र विराजमान हैं, शक्ति का रूप हैं, मां अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।

PunjabKesari

देवी से करें मंगल की कामना


'सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥' अर्थात हे नारायणी! 

इस मंत्र का अर्थ है कि हे मां तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो, हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।


बुरे वक्त से मुक्ति दिलाने के लिए

'शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे,
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।'

 माता रानी के इय चमत्कारिक मंत्र का जप आपके आसपास एक रक्षाकवच बना देता है।   उनकी कृपा से जीवन का बुरे से बुरे वक्त टल जाता है।

PunjabKesari
साल में दो बार आते हैं नवरात्रि

प्रथम नवरात्रि गर्मियो की शुरूआत में चैत्र मास यानी अप्रैल में आती है और दूसरी नवरात्रि सर्दियों की शुरुआत में यानी अक्टूबर में मनाई जाती है। इस दौरान फसल पकने का समय होता है, वर्षा होने के साथ मौसम में बदलाव होता है। इसलिए शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाये रखने के लिए नवरात्रि पर शक्ति की पूजा की जाती है और उपवास रखे जाते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static