Health Update: खून की कमी से होती है मॉर्निंग सिकनेस, ये भी हो सकती हैं वजहें

punjabkesari.in Sunday, Sep 16, 2018 - 06:57 PM (IST)

मॉर्निंग सिकनेस का नाम सुनते ही दिमाग में गर्भवती महिला का ख्याल आता है। यह जरूरी नहीं की सुबह उठने के बाद आने वाली यह परेशानी सिर्फ प्रेग्नेंसी में ही हो। ऐसी समस्या किसी को भी हो सकती है। रात भर सुकून की नींद लेने के बाद सुबह की शुरुआत ताजगी से होनी चाहिए। सुबह का सुहावना मौसम फ्रेशनेस का अहसास देता है। वहीं,उठते ही घबराहट, सोने के बाद भी सुस्ती महसूस होना, चिड़चिड़ापन आदि सुबह के कमजोरी के लक्षण हैं। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं। 

 


मार्निंग सिकनेस के कारण


1. खून की कमी
एनीमिया यानि खून में लाल रक्त कणों की कमी शरीर को थकाती है। लाल रक्त कणों का काम फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर कोशिकाओं को सप्लाई करना है। इसकी कमी होने से शरीर नींद पूरी करने के बाद भी थका-थका रहता है। सिर जोर-जोर से धड़कना, सांस फूलना, नींद ठीक से न आना जैसे लक्षण दिखाई दें तो खून की जांच करवाएं। 

 

2. थाइरॉयड 
जिन लोगो को थाइरॉयड हो उन्हें भी सुबह उठते ही थकावट महसूस होती है। थाइरॉयड हॉरमोन्स का बैलेंस बिगड़ने से मेटाबालिज्म भी प्रभावित होता है। इसका कंट्रोल में होना बहुत जरूरी है। थाइरॉयड ग्लैंड जब मेटाबालिज्म कंट्रोल नहीं कर पाता तो इस स्थिति को हायपरथाइरॉयडिज्म कहते हैं। इससे बॉडी की मसल्स थकी रहती है। जो मॉर्निंग सिकनेस का कारण है।

3. डायबिटीज
डायबिटीज के रोगी को भी इस तरह की सुबह के समय थकावट,घबराहट, बेचैनी आदि की परेशानी होती है। इस बीमारी को रोगी शरीर में बन रहे ग्लूकोज का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते। यही ग्लूकोज खून में मिल कर थकावट पैदा करता है। इसे कंट्रोल करने के लिए परहेज के साथ-साथ एक्सरसाइड करें।

 

4. तनाव
तनाव के कारण उदास रहना, भूख की कमी, याददाशत की कमी, नींद का असर कम होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। समय पर इसके लक्षण पहचान कर इलाज करवाना बहुत जरूरी है। इससे बॉडी का एनर्जी लेवल भी कम होने लगता है, जिससे सुबह उठते ही कमजोरी महसूस होती है। 

 

5. जोड़ो का दर्द
जोड़ों का दर्द यानि गठिया भी मॉर्निंग सिकनेस का कारण हो सकता है। इस बीमारी में शरीर के हैल्दी टिशू पर आर्थराइटिस का अटैक होने लगता है। जो कोशिकाओं और हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं। दर्द के कारण पर्याप्त नींद न लेने की वजह से सुबह कमजोरी महसूस होने लगती है। 

6. शारीरिक कमजोरी
जरूरत से ज्यादा काम करने, शरीर में पोषक तत्वों की कमी आदि के कारण भी मॉर्निंग सिकनेस होती है। अपने खाने में हैल्दी फूड्स को शामिल करें। जंक फूड का सेवन कम करके हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाएं। 

 

7. स्लीप एप्निया  
ज्यादा देर सोने के बाद भी थकावट महसूस हो तो स्लीप एप्निया की समस्या हो सकती है। इस बीमारी में सोते समय कुछ पलों के लिए सांस रुक जाती है। इससे रोगी घबरा कर उठता है। खर्राटों में भी यह स्थिति आ सकती है। जिसके चलते सुबह थकान महसूस होने लगती है। 
 

Content Writer

Priya verma