यूट्रस कैंसर होने की बड़ी निशानियां, इन महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2022 - 01:38 PM (IST)

महिला शरीर का सबसे अहम अंग यूट्रस जिसकी मदद से ही महिला मां बनने का सुख पाती है लेकिन अगर यह अंग कमजोर हो जाए तो महिलाओं को एक नहीं, कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती है। इसमे यूट्रस का कैंसर सबसे खतरनाक है क्योंकि अगर यह हो जाए तो महिला ना तो मां बन पाती हैं और ना ही आगे मां बनने की ज्यादा उम्मीदें रहती हैं। वहीं जान का खतरा बन भी बन सकता है।  गर्भाशय कैंसर को बच्चेदानी का कैंसर भी कहा जाता है। ऐसे में यूट्रस यानि गर्भाशय की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कुछ महिलाओं को गर्भाश्य कैंसर का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसके कुछ खास लक्षण भी हैं जो आपको सामान्य लग सकते हैं। चलिए, आज इसी पर बात करते हैं। 

महिलाओं को होने वाले कैंसर में यह सबसे कॉमन कैंसर में से एक है और जिसके केस अब तेजी से सुनने को मिल रहे हैं और सबसे ज्यादा मामले 30 से 35 साल की उम्र महिलाओं में ही सुनने को मिलते हैं।सही  समय पर अगर इलाज शुरू हो जाए तो ठीक नहीं तो जान का खतरा बन सकता है। 

किन महिलाओं को अधिक खतरा?

जो महिलाएं कभी प्रेग्नेंट नहीं हुई या मेनोपॉज 55 के बाद हो रहा है। 

जिन्हें पीसीओएस या डायबिटीज है उन्हें इस कैंसर का सबसे अधिक खतरा रहता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि डायबिटीज और गर्भाशय के कैंसर के बीच भी सीधा संबंध है।

जो महिलाएं हाई फैट कैलोरी फूड खाती हैं। इससे मोटापा बढ़ता है और साथ ही कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। 

कैंसर में पारिवारिक इतिहास होने पर कैंसर होने के 5 प्रतिशत चांसेज होते हैं। गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन 

यूट्रस कैंसर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?

एंडोमेट्रियम कोशिकाएं आसमान्य रूप में बढ़ने लगती हैं और गर्भाशय की अंदरूनी परत को एंडोमेट्रियम कहते हैं। इसी के चलते गर्भाश्य कैंसर होता है। 

अगर महिला को पेल्विक पेन रहती हैं। पेल्विक यानी पेड़ू में असहनीय दर्द रहता है। अनियमित ब्लीडिंग रहती है और साथ में दर्द महसूस होता है। 

पीरियड्स के अलावा भी अचानक ब्लीडिंग होती है या डिस्चार्ज होता रहता है। 

मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती रहती है।

वजन कम हो रहा है। 

बार-बार यूरिन आता है और यूरिन पास करते दर्द भी होता है।

शारीरिक संबंध बनाते हुए बहुत ज्यादा दर्द महसूस होना।

तो बिना देरी किए स्त्री रोग विशेषज्ञ को चेकअप करवाएं। 

क्या है इसका इलाज

इसका इलाज आपकी स्थिति को देखकर ही बताया जा सकता है जबकि ज्यादातर लोगों को एंडोमेट्रियल कैंसर में सर्जरी की जरूरत होती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी आदि भी की जा सकती हैं लेकिन समय से पहले पकड़े गए लक्षणों की मदद से जल्द बचाव किया जा सकता है और इस तरह के कैंसर से बचने का उपाय की आप अपना लाइफस्टाइल हैल्दी रखें। 

हैल्दी खाएं, वजन को कंट्रोल में ऱखें।
योग और व्यायाम करें।
बाहर की बजाए हरी पत्तेदार सब्जियों फ्रूट जूस, नट्स जैसे हैल्दी  आहारों का सेवन करें।
तले-भूने हैवी फैट वाले भोजन से परहेज करें।
पीरियड्स से जुड़ी परेशानी आ रही है तो पहले ही चेकअप करवाएं। 


समय पर चेकअप जरूर करवाते रहें ताकि समय पर ही आपको रोग की जानकारी मिलें और इससे बचाव किया जा सकें। 

Content Writer

Vandana