महिला के लिए जरूरी है कैल्शियम, कमी से होता है गठिया और कमर दर्द

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 04:26 PM (IST)

हर औरत मां बनने का सुख पाना चाहती है लेकिन 9 माह का यह समय इतना आसान भी नहीं होता। इस समय के शरीर में बहुत तरह के बदलाव आते हैं। खाने-पीने की ओर खास ध्यान देना पड़ता है ताकि मां और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहें। विटामिन्स, आयरन और कैल्शियम मां को भरपूर मात्रा में मिलना बहुत जरूरी है। इन पोषक तत्वों से ही बच्चे का शारीरिक विकास अच्छी तरह से होता है। 

हड्डियों के लिए जरूरी है कैल्शियम
प्रेग्नेंसी में कैल्शियम से भरपूर, आहार और सप्लीमेंट लेने की बहुत आवश्यकता होती है क्योंकि इससे ही बच्चे की हड्डियों का विकास होता है। बच्चे को जब पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता तो उसे मां की हड्डियों से कैल्शियम लेने की जरूरत पड़ती है, जिससे डिलीवरी के बाद मां के शरीर में कमजोरी आनी शुरू हो जाती है, जिससे बाद में गठिया और कमर दर्द की परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है। ऐसी दिक्कते सिर्फ गर्भावस्था में ही नहीं बल्कि बच्चे को दूध पिलाने वाली औरतों में भी आ सकती हैं। इसके पीछे का कारण शरीर में कैल्शियम और पोषक तत्वों की कमी को होना है। 

दूध पिलाने वाली मां को कैल्शियम की ज्यादा जरूरत
प्रेग्नेंट और स्तनपान करवाने वाली औरतों को न्यूटिशियंस और कैल्शियम से भरपूर आहार खाने की बहुत जरूरत होती है क्योंकि गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली मां के शरीर से ही बच्चा का पूर्ण पोषण होता है इसलिए इन महिलाओं को दूसरी औरतों के मुकाबले कैल्शियम की भी ज्यादा जरूरत होती है। बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। वहीं, अगर मां में ही कैल्शियम पर्याप्त नहीं होगा तो बच्चे को भी यह पूरी तरह से नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा कैल्शियम की कमी उन महिलाओं को भी हो सकती हैं, जिनका खान-पान सही नहीं है या जो कठोर एक्सरसाइज करती हैं।

कैल्शियम युक्त आहार का करें सेवन
18 से 40 साल तक की उम्र की महिलाएं हरी सब्जियों, अंडे, ड्राई फ्रूट्स, फलों और डेयरी प्रॉडक्टस से कैल्शियम की पूर्ति कर सकती हैं। महिलाओं को कैल्शियम के बाजारी सप्लीमेंट लेने की बजाए अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। 

अन्य पोषक तत्व भी जरूरी
कैल्शियम के अलावा मिनरल्स, प्रोटीन, आयरन, फाइबर और विटामिन भी प्रेग्नेंसी में बहुत जरूरी है। इसके साथ ही पेय पदार्थ और10-12 गिलास पानी का सेवन करने से सेहत संबंधी बहुत-सी दिक्कतें दूर रहती हैं। इससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। गर्भावस्था और मां को दूध पिलाने वाली मांओ को दिन भर थोड़े-थोड़े समय के बाद कुछ न कुछ जरूर खाते रहना चाहिए। 

हल्की-फुल्की एक्सरसाइज 
सेहतमंद रहने के लिए एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है। यह हड्ड़ियों को मजबूती देती है और इससे तनाव मुक्त भी रहा जा सकता है। नॉर्मल डिलीवरी के 2-3 हफ्ते बाद और सी सैक्शन डिलीवरी के 4-6 हफ्तों बाद हल्की एक्सरसाइज करनी शुरू कर देनी चाहिए। सैर, योग, बॉडी स्ट्रैचिंग और हल्का-फुल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। सिर्फ औरतों को ही नहीं, बल्कि हर वर्ग और उम्र को लोगों को रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। 

Content Writer

Priya verma