हम अपने घर जरूर जाएंगे...29 साल पहले भी अनुपम खेर ने उठाई थी कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज

punjabkesari.in Tuesday, Mar 29, 2022 - 05:13 PM (IST)

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने तीन दशक पहले  कश्मीरी पंडितों पर  हुए अत्याचार का एक-एक पन्ना खोल कर रख दिया है। इस फिल्म ने दुनिया को बताया कि 1990 के दशक में  कश्मीरी पंडितों पर किस कदर जुल्म ढाए गए थे। इस  फिल्म ने हमें वो सब बताया जो पहले कभी ना सुना था ना देखा था। देश भर में इस फिल्म को लेकर मची हलचल के बीच एक्टर अनुपम खेर ने अपना 29 साल पुराना वीडियो शेयर किया है।

 

सालों पुराने इस वीडियो में अनुपम खेर कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के बाद 1993 में दिल्ली में उनके द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था! जहाँ मुझे सम्मानित करने के साथ कुछ बोलने को भी कहा गया था। ये रही वो स्पीच।मैंने अपने ही देश में इन रिफ्यूजियों की आवाज़ बनने की हमेशा कोशिश की है।#TheKashmirFiles #मेराफ़र्ज़


इस वीडियो में अनुपम खेर बोलते दिखाई दे रहे हैं कि-  यहां मैं आज किसी फिल्म अभिनेता या फिर किसी खास व्यक्ति की हैसियत से नहीं हूं। मैं एक भाई, भतीजे और बेटे की हैसियत से यहां खड़ा हूं। उस भाई, उस भतीज और उस बेटे की वजह से खड़ा हूं जिनके घरवालों को मजबूरन वह जगह छोड़नी पड़ी, जहां वह बचपन से रहा था या रहे थे। कभी कभी हैरानी होती है कि यह सब हो कैसे गया। दुख होता है।'


एक्टर अपने परिवार के दर्द को महसूस करते हुए कहते हैं कि- 'मेरे ताया, चाचा जी को एक टूटे-फूटे ट्रक में, डरे हुए एक शरणार्थी के तरह 500-1000 किलो मीटर दूर रहना पड़ा। जब हमारा अपना घर है तो हम तो अपने घर जाएंगे। और हमें अपने घर जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती, क्योंकि अगर कोई शांति प्रिय बिरादरी है, वो कश्मीरी पंडित हैं। 

बता दें कि इस फिल्म में बताया गया है कि किस तरह 1990 की काली रात को कश्मीरी पंडितों को अपना घरबार छोड़ कर भागना पड़ा था। कई कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी गई थी।फिल्म 11 मार्च को रिलीज हुई है। अनुपम खेर, पल्लवी जोशी एवं मिथुन चक्रवर्ती इसमें मुख्य भूमिका में हैं। मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कुछ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों ने फिल्म को कर मुक्त किया है।

Content Writer

vasudha