Brain Tumor Day: लाइलाज नहीं है ब्रेन ट्यूमर, अब लंबी जिंदगी जी सकते हैं मरीज

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 05:18 PM (IST)

लोगों को ब्रेन ट्यूमर नामक बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए आज दुनियाभर में World Brain Tumor Day मनाया जा रहा है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति तो मौत के दरवाजे तक ले जाती है। मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। पहले के समय में इसका कोई इलाज नहीं था लेकिन नई-नई तकनीकों के साथ आज ब्रेन ट्यूमर का इलाज मुश्किल नहीं रहा।

 

अब मुश्किल नहीं ब्रेन ट्यूमर का इलाज

पहले ब्रेन ट्यूमर का इलाज ना होने के कारण ज्यादातर मरीजों को अपनी जिंदगी खोनी पड़ती थी लेकिन अब इसके इलाज के लिए कई तकनीक मौजूद है। अगर सही समय पर इस बीमारी का पता चल जाए तो रोगी की जान बचाई जा सकती है।

लंबी जिंदगी जी सकता है मरीज

चिकित्सको का कहना है कि अब इस बीमारी के इलाज में साइंस ने काफी तरक्की कर ली है। इस वजह से अब ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन न केवल सुरक्षित और सफलतापूर्वक होने लगी है। एक समय था जब डॉक्टर इसका इलाज करने से घबराते थे क्योंकि ऑपरेशन के बाद भी रोगी के बचने की संभवाना कम होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब ऑपरेशन से ना सिर्फ ट्यूमर को निकाला जा सकता है बल्कि इससे मरीज लंबी व स्वस्थ जिंदगी भी जी सकता है।

 

जागरूकता में कमी है सबसे बड़ी रूकावट

एक्सपर्ट का कहना है कि अक्सर मरीज डॉक्टर्स के पास तब आते हैं जब केस उनके हाथ से निकल चुकी होती है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को नई चिकित्सा व तकनीकों से परिचय करवाना चाहिए, ताकि उन्हें भी समय रहते इसके बारे में पता चल जाए और व्यक्ति की जान बचाई जा सके।

थेरेपी भी है इलाज में मददगार

सर्जरी के साथ-साथ अब ब्रेन ट्यूमर का इलाज थेरेपी के जरिए भी किया जाता है।

रेडिएशन थेरेपी

इस थेरेपी में हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटीन्स का यूज करके दिमाग में मौजूद कैंसर कोशिकाओं का खत्म किया जाता है।

रेडियो सर्जरी

रेडियो सर्जरी में कैंसरयुक्त कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी एक सीटिंग में ही दिमाग में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को निकाल दिया जाता है।

टारगेट ड्रग थेरेपी

इस थेरेपी में कोशिकाओं में मौजूद असामान्यताओं पर फोकस करके उन्हें ब्लॉक किया जाता है, जिससे ट्यूमर खत्म हो जाता है।

कीमोथेरेपी

कीमौथेरेपी में मरीज को दवाइयां दी जाती है, ताकि दिमाग में कोशिकाओं को खत्म किया जा सके। मगर कई बार कीमोथेरेपी इंजेक्शन को नसों में इंजेक्ट करके भी कैंसरयुक्त कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। इससे उल्टी, जी मचलाना, बाल झड़ना जैसे साइड-इफैक्ट्स भी देखने को मिलते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput