वेश्यावृत्ति कोई अपराध नहीं है, महिलाएं अपनी मर्जी से चुन सकती हैं पेशा- बॉम्बे हाईकोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 04:55 PM (IST)

हमारे समाज में वेश्यावृत्ति को एक अपराध माना जाता है। वहीं अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने वेश्यावृत्ति को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इम्मोरल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट के तहत वेश्यावृत्ति कोई अपराध वहीं है। हर औरत को अधिकार है कि वो अपनी मर्जी से पेशा चुन सकती हैं। 

वेश्यावृत्ति अपराध नहीं

मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस पृथ्वीराज के. चव्हाण ने कहा कि महिला की सहमति के बिना उसे सुधार गृह में ज्यादा समय तक नहीं रखा जा सकता। वहीं महिलाएं अपनी मर्जी से कोई भी पेशे को चुन सकती हैं, यह उनका अधिकार है। दरअसल, यह फैसला उन तीन युवतियों की दर्ज कराई याचिका पर सुनाया गया है, जो वेश्यावृत्ति के आरोप में पकड़ी गईं थी। जस्टिस चव्हाण का कहना है कि महिलाओं को दंड देना नहीं बल्कि समाज में चल रहे देह व्यापार को खत्म करना कानून का मकसद है। 

कोर्ट ने नहीं दी घरवालों को युवतियों की कस्टडी 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन तीन युवतियों की कस्टडी उनके घरवालों को देने से भी साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि वेश्यावृत्ति के आरोप में पकड़ी गईं युवतियां बालिग हैं। उन्हें अपनी मर्जी से जीने, देश में कहीं भी घूमने और अपना पेशा चुनने का पूरा अधिकार है।

घरवाले खुद करवाते थे लड़कियों से देह व्यापार 

युवतियों के वकील अशोक साराओगी का कहना था कि जिस समुदाय से ये तीनों लड़कियां संबंध रखती हैं उसमें देह व्यापार एक प्रथा है। यहां तक कि उनके वकील ने कोर्ट को इससे जुड़े उदाहरण भी दिए। जिसके बाद अदालत ने कहा था कि जो परिवार अपनी बेटियों को खुद ही देह व्यापार में ढकेल रहा हो उन्हें दोबारा इन युवतियों को सौंपनी सुरक्षित नहीं।

यह है मामला 

बता दें मुंबई के मलाड इलाके में पिछले साल एक गेस्ट हाउस में रेड मारी गई थी। इस दौरान वहां से तीन युवतियों को पकड़ा गया था। जिसके बाद उन्हें महिला सुधार गृह में भेज दिया गया था। वहीं पकड़ी गई तीनों युवतियों ने कस्टडी खत्म करने को लेकर कोर्ट से अपील की थी।

Content Writer

Bhawna sharma