बढ़ती उम्र में दिखने लगे धुंधला तो हो सकती है यह बीमारी

punjabkesari.in Friday, Jun 15, 2018 - 11:01 AM (IST)

उम्र बढ़ने के साथ इंसान की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी बढ़ने लगती है। सबसे ज्यादा असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है। एपिरेटिनल मेम्ब्रेन (ईआरएम) बीमारी आंखों के बुढ़ापे को दर्शाने की ही निशानी है। इस बीमारी में अंधेपन का खतरा नहीं होता लेकिन रोजमर्रा के काम करने में बहुत परेशानी होती है। यह समस्या ज्यादातर 50 साल से अधिक वाले लोगों में देखी जाती है। आइए जानिए  एपिरेटिनल मेंब्रेन (ईआरएम) क्या है और इसके क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं?


क्या है एपिरेटिनल मेंब्रेन (ईआरएम)
आंख एक कैमरे की तरह काम करती है। इसमें मौजूद रेटिना फोटोग्राफिक फिल्म का काम करता है यानि हमारे द्वारा देखी जाने वाली चीजें रेटिना पर प्रदर्शित होती है। रेटिना के केंद्र में मैक्यूला स्थित होता है जो पढ़ने और आकारों को पहचानने में सहायता करता है। परंतु उम्र के साथ  रेटिना के संपर्क में मौजूद विट्रियस जैल मैक्युला से दूर हो जाता है, जिससे आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है और धुंधला दिखने लगता है।

एपिरेटिनल मेंब्रेन के लक्षण
इससे पढ़ने में मुश्किल आती है।
धुंधलेपन के कारण चेहरा पहचानने में भी मुश्किल होती है। 
चीजें दोहरी और लहरदार दिखने लगती है। 

एपिरेटिनल मेंब्रेन का इलाज
इस समस्या का इलाज विट्रोरेटिना सर्जरी है। इसके द्वारा आंखों से विट्रियस जैल को हटाया जाता है। प्रॉब्लम के अनुसार ऑपरेशन किया जाता है। अगर खून आया हो तो उसे हटाया जाता है। अगर आंखो के पर्दे पर झिल्ली आई हो तो उसे हटाया जाता है।

 

Punjab Kesari