अस्थमा रोगियों के लिए बेस्ट है पासासन, मिलेंगे और भी फायदे

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2019 - 04:19 PM (IST)

अस्थमा एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें व्यक्ति को सांस संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसा आमतौर पर ज्यादा धूल-मिट्टी, प्रदूषण आदि के कारण फेफड़ों में सही मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण होता है। अस्थमा से पीड़ित मरीजों को सही ढंग से सांस न आने पर जान जाने का खतरा भी रहता हैं। ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए अस्थमा से परेशान मरीजों को  पासासन को करना चाहिए। इस आसन से सांस संबंधी परेशानियों से राहत मिलने के साथ शरीर संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलेंगा। तो चलिए आज हम आपको पासासन करने का सही तरीका बताते हुए इससे होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं...

कैसे करें आसन?

- सबसे पहले ताड़ासन की मुद्रा में बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं।
- अब घुटनों को मोड़ते हुए पैरों पर सारा भार डाल कर बैठे।
- अपने पैरों के तलवों को जमीन पर सीधे रखें।
- अब बॉडी के ऊपरी भाग को दाहिनी तरफ मोड़ते हुए घुटनोें तक लाने की कोशिश करें।
- दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं और बाएं पैर को सामने की ओर ही रखें।
- अब बाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाते हुए पीठ के पीछे से ले जाकर दाहिने हाथ को पकड़े।
- सिर को ऊपर की तरफ रख कर गहरी और लंबी सांस लें।
- ऐसा 4-5 बार करके फिर से आराम की मुद्रा में बैठ जाएं।
- अब सारी प्रक्रिया को दूसरी तरफ से  ऐसे ही दोहराएं।

पासासन के फायदे

-इस आसन को नियमित रूप में करने से अस्थमा जैसी बीमारी दूर होती है।
-पीठ, कंधे, गर्दन आदि में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में भी यह आसन लाभदायक है। 
-पेट से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। 
-मासिक धर्म में इसे करने से काफी फायदा मिलता है। 
-ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में सहायक।
-यह आसन बैली फैट को भी बहुत जल्द कम करता है।

शुरू-शुरू में पासासन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन बार-बार दोहराने से इसे करने की आदत हो जाती है जिससे इसे करना आसान हो जाता है।

 

आसान को करते समय ध्यान में रखें ये बातें

- यदि आसन करने के वक्त अस्थमा का दौरा पड़े तो इसे तुरंत बंद कर दें और आगे भी इसे करने का समय कम कर दें।
- सांस लेने में परेशानी न आएं इसलिए अस्थमा का पंप हमेशा पास रखें और आसन करने से पहले ही कई बार यूज कर लें।
- आसन करने के बाद ज्यादा से ज्यादा तरल चीजों का सेवन करें।
- वार्मअप और कूल डाऊन करने की समय सीमा को अधिक कर दें।
- कभी भी ज्यादा उच्च या निम्न तापमान और अधिक नमी जैसी परिस्थिति में व्यायाम करने से बचें।

 

अस्थमा के मरीज ध्यान में रखें ये बातें

- हमेशा खुश रहें ज्यादा घबराने या टेंशन लेने से स्ट्रेस बढ़ता हैं जिससे सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- नाक के द्वारा सही ढंग से सांस न मिलने पर मुंह से सांस लें। सांस को अंदर की तरफ लें फिर बाहर की ओर छोड़े।
- पीक फ्लो मीटर का इस्तेमाल कर अपने अटैक आने की स्थिति को नाप कर अटैक आने की स्थिति को जानें।
- हमेशा अपना अस्थमा का पंप पास रखें और हर 20 मिनट में 2 बार जरूर इसे यूज करें।
- धूल- मिट्टी की जगह पर जाने से बचें।
- दवा लेने के बाद भी अस्थमा का अटैक बार-बार आ रहा है तो अपने डॉक्टर से मिलकर उनकी सलाह लें।
- दवाइयों को समय पर लेना न भूलें।

Content Writer

Vandana