Maternity Leave अप्लाई करने से पहले यहां पढ़ लें पूरी जानकारी, मिनटों में होगा सारा काम

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2024 - 05:20 PM (IST)

भारत में मातृत्व अवकाश के लिए कानूनी प्रावधान और नियम महिलाओं के कार्यस्थल पर अधिकारों और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। विभिन्न कंपनियों द्वारा इस अवकाश को प्रदान करना महिलाओं के लिए एक बड़ा समर्थन है और इससे समाज में समानता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।आइए भारत में मातृत्व अवकाश की स्थिति, इसे प्रदान करने वाली कंपनियों, और इस संबंध में पहले कदम उठाने वाली कंपनी के बारे में विस्तार से जानें।

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मातृत्व अवकाश के कानूनी प्रावधान

मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961अवकाश अवधि: मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।

प्रारंभ और समाप्ति: यह अवकाश बच्चे के जन्म से पहले 8 सप्ताह और बच्चे के जन्म के बाद 18 सप्ताह के रूप में विभाजित होता है।

दूसरा बच्चा: दूसरे बच्चे के लिए, मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह का होता है।

गोद लेने पर अवकाश: यदि कोई महिला 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती है, तो उसे 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता है।

सुरोगेसी पर अवकाश: सरोगेट मां को 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता है।

कार्य से संबंधित नियम: किसी भी महिला कर्मचारी को प्रसव से चार सप्ताह पहले और प्रसव के चार सप्ताह बाद भारी काम या किसी खतरनाक काम से नहीं जोड़ा जा सकता है।

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इस कंपनी ने की थी पहल

भारत में पहली कंपनी जिसने व्यापक मातृत्व अवकाश लागू किया, वह टाटा स्टील है। टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश को 6 महीने (26 सप्ताह) करने की पहल की थी। इसने कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

मातृत्व अवकाश के लाभ

मां और बच्चे का स्वास्थ्य: यह अवकाश नई मां को शारीरिक और मानसिक रूप से पुनः स्वस्थ होने का समय देता है और बच्चे की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण होता है।

नियोक्ता लाभ: मातृत्व अवकाश देने से कंपनियों को अपने महिला कर्मचारियों को बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे कर्मचारी संतुष्टि और उत्पादकता बढ़ती है।

समाज पर प्रभाव: यह समाज में महिलाओं के अधिकारों और समानता को बढ़ावा देने में सहायक होता है।

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मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन कैसे करें


-अपनी कंपनी की मातृत्व अवकाश नीति को अच्छी तरह से पढ़ें और समझें। यह जानकारी आपको आपकी कंपनी के मानव संसाधन (HR) विभाग से या कंपनी के कर्मचारी पुस्तिका से मिल सकती है।

-अपने डॉक्टर से प्रसव तिथि (डिलीवरी डेट) का प्रमाण पत्र प्राप्त करें। यह प्रमाण पत्र आपके अवकाश के लिए आवश्यक हो सकता है।

-मातृत्व अवकाश के लिए एक औपचारिक आवेदन पत्र तैयार करें। इसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होनी चाहिए:
आपका नाम और पद
अवकाश की अवधि
अवकाश का आरंभ और समाप्ति तिथि
चिकित्सीय प्रमाण पत्र की प्रति

-तैयार आवेदन पत्र को अपनी कंपनी के HR विभाग में जमा करें। आप इसे ईमेल के माध्यम से भी भेज सकते हैं, अगर आपकी कंपनी की नीति यह अनुमति देती है।

-आवेदन जमा करने के बाद, HR विभाग से आवेदन की पुष्टि प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करें कि आपका आवेदन प्रोसेस हो गया है और आपको अवकाश की स्वीकृति मिल गई है।

-अपनी प्रसव तिथि के करीब आते समय, अपनी कंपनी को अपनी स्थिति के बारे में अपडेट रखें। यह आपके नियोक्ता को आपके अवकाश के दौरान कार्य को व्यवस्थित करने में मदद करेगा।

-यह सुनिश्चित करें कि आप मातृत्व अवकाश के दौरान मिलने वाली वित्तीय सहायता के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।

-अपने लीव अकाउंट और अन्य छुट्टियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें ताकि आपको अवकाश के दौरान कोई समस्या न हो।

-यह सुनिश्चित करें कि आप मातृत्व अवकाश के दौरान आपके कार्यस्थल की सभी नीतियों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक रहें।

-इस प्रक्रिया में HR विभाग का सहयोग महत्वपूर्ण होता है, इसलिए उनसे नियमित संपर्क बनाए रखें।
 


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Content Writer

vasudha

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