रानी की यह ऐतिहासिक वाव है बहुत खास, जानें इसकी खूबियां

punjabkesari.in Thursday, Jul 19, 2018 - 06:05 PM (IST)

देश के प्राचीन इतिहास और इमारतों की बात करें तो आज भी बहुत-सी इमारतें ऐसी हैं, जो अपनी खासीयत के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं। इन्हीं में से एक है रानी की वाव,  जिसे वास्तुकला का बेजोड़ नमूना माना जाता है। यह ऐतिहासिक इमारत गुजरात के पाटन गांव में स्थित है। सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस वाव को निर्माण 11 वीं सदी में हुआ माना जाता है। खास बात यह है कि इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल किया जा चुका है। आइए जानें इस इमारत के बारे में कुछ खास बातें। 


1. इस वाव का निर्माण मुलाराजा के बेटे भीमदेव प्रथम की याद में उनकी विधवा पत्नी उदयमती ने करवाया था। जिसे बाद में करणदेव प्रथम ने पूरा किया। 


2. इस वाव का निर्माण मारू-गुर्जरा आर्किटेक्चर स्टाइल में बहुत खूबसूरत तरीके के साथ किया गया है।

3. कहा जाता है कि इसकी सीढियों की कतारों की संख्या कभी 7 हुआ करती थी, जिसमें से 2 अब विलुप्त हो चुकी हैं। 


4. रानी की वाव में 500 से भी ज्यादा मूर्तिकलाओं का बाखूबी प्रदर्शन किया गया है।
इमारत की दीवारों और खंभों पर भगवान विष्णु के अवतार  राम, वामन, महिषासुरमर्दिनी, कल्कि के अवतारों को बहुत खूबसूरती के साथ नकाशा गया है। इमारत में हजार से भी ज्यादा छोटे-बड़े स्कल्पचर है। 


5. इस वाव में 30 कि.मी लंबी रहस्यमयी सुरंग भी निकलती है, जो पाटण के सिद्धपुर में जाकर खुलती है। इस खुफिया रास्ते का इस्तेमाल राजा और उसका परिवार युद्ध के वक्त कर सकता था।


6. रानी के वाव की बनावट के बारे में बात करें तो यह 64 मीटर लंबी,20 मीटर चौड़ी और 27 मीटर गहरी है। 


7. इस वाव के बारे में यह मान्यता है कि इस पानी से नहाने पर बीमारियां नहीं होती। इसका कारण यह माना जाता है कि इसके आस-पास आयुर्वेदिक पौधे लगे हुए हैं, जो औषधि का काम करते हैं। 


8. रानी की बावड़ी की तस्वीर देखने में बहुत खूबसूरत लगती है। रिजर्व बैंक अगस्त-सितंबर में 100 रुपये का नया नोट जारी करने वाला है। कहा जा रहा है कि इस पर रानी की वाव की फोटो होगी। 


 

Content Writer

Priya verma