Women Power: किचन ही नहीं, कैबिनेट भी अच्छे से संभाल सकती हैं महिलाएं

punjabkesari.in Monday, Feb 11, 2019 - 07:39 PM (IST)

नई दिल्ली(वंदना रानी): महिला सशक्तिकरण के लिए शुक्रवार को दिल्ली के 'Constitution Club' में बीबीसी हिंदी की ओर से 'लीडर भी, निडर भी' कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें राजनीति से जुड़ी नामी चेहरे, वरिष्ठ कांग्रेस सांसद कुमारी शेलजा, महासचिव महिला कांग्रेस अप्सरा रैड्डी, बीजेपी की फायर ब्रांड नेता स्वाति सिंह, टीएमसी सांसद व फिल्म अभिनेत्री मुनमुन सेन, सांसद सावित्री बाई फुले, छतीसगढ़ नेता व सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी शामिल रहीं।



राजनीति में कम उम्र में कदम रखने वाली हरियाणा के दसुरपुर (duserpur) की युवा सरपंच सीमा देवी , राजस्थान से युवा एमबीबीएस सरपंच शहनाज खान भी कार्यक्रम की हिस्सा बनीं। कार्यक्रम की शुरुआत में वरिष्ठ नेता कुमारी शेलजा ने अपनी राजनीतिक सफर के बारे में बताया उन्होंने बताया कि भले ही उनके पिता राजनेता थे लेकिन उन्होंने अपने पैर टिकाने के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना किया। 1988 के चुनाव न जीतने पर भी उनकी हिम्मत नहीं टूटी हालांकि 1991 में उन्हें टिकट भी नहीं मिला था लेकिन इससे वह निराश नहीं हुई और उन्होंने अपने संघर्ष को जारी रखा। महिलाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने उन्हें आत्म निर्णय लेने व डट कर हर मुश्किल का सामना करने को कहा। 



महिलाओं के राजनीति में आरक्षण और शिक्षा का उठाया मुद्दा

अप्सरा रेड्डी अपने विचार बताते हुए कहा कि चाहे कोई राष्ट्रीय नेता हो या कोई जमीनी कार्यकर्ता, हर किसी को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए। इसी के साथ राजनेत्रियों द्वारा महिलाओं के राजनीति में आरक्षण व आत्मनिर्भरता के लिए शिक्षा का मुद्दा भी उठाया गया।

 

किचन और केबिनेट दोनों ही संभाल सकती हैं महिलाएं

बहुत सारे लोगों की सोच आज भी यहीं है कि महिलाएं रसोई को ही बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं लेकिन स्वाति सिंह ने इस बात को पूरी तरह झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में इतनी काबलियत होती है कि वह सिर्फ किचन नहीं बल्कि कैबिनेट को भी अच्छे से संभाल सकती हैं।


'जब बात टिकट देने की आती है तो आज भी यह देखा जाता है कि महिलाएं जीत पाएंगी या नहीं। यह सोच बदलनी चाहिए। किसी भी पार्टी में महिलाओं को वैसी ही देखा जाना चाहिए जैसा बाकियों को देखा जाता है।'
कांग्रेस सांंसद, कुमारी सेलजा


'एक महिला में ही यह योग्यता होती है कि वह किचन भी संभाल सकती हैं और कैबिनेट भी और यह योग्यता देश की हर महिला में है।'
-उतरप्रदेश मंत्री, स्वाति सिंह

 
'हर किसी को बराबर मौके मिलने चाहिए, चाहे वो कोई जमीनी कार्यकर्ता हो या राष्ट्रीय नेता। अंत में सबसे बेहतर जज जनता ही होती है।'
-महासचिव, महिला कांग्रेस, अप्सरा रेड्डी

'भाजपा में मुझे कहा जाता था कि आप कुछ भी नहीं बोल सकती हैं जो पार्टी चाहेगी उसी पर आप सदन में बात करेंगी। यह बात मुझे भाजपा के बड़े नेता अपने कार्यालय में बुलाकर कहते थे।'
-सांसद सावित्री भाई फुले

'अगर आप भ्रष्ट नहीं हैं तो राजनीति में कोई पैसा नहीं है। मैने फिल्मों से पैसा कमाया है, राजनीति से नहीं।'
-फिल्म अभिनेत्री, टीएमसी सांसद, मुनमुन सेन


'जब मेरे पति ने जाना कि मेरे साथ योनशोषण हिंसा हुई है तो उन्हें मेंरे साथ नफरत हो गई। उन्होंने कहा कि वे दुनिया को कैसे मुंह दिखाएंगे। मैने कहा ठीक है मैं आपको अपनी जिंदगी से आजाद करती हूं पर मै लड़ाई बंद नहीं करूंगी।'
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी 

'पहले इलाके की महिलाएं अपनी समस्याएं पंचो के सामने सीधे तौर पर नहीं रख पाती थी। अब वो खुलकर मुझसे बात करती हैं और अपनी परेशानी बताती है ये बदलाव आया है मेरे सरपंच चुने जाने के बाद।'
-युवा सरपंच शहनाज खान, राजस्थान



 

Content Writer

Isha