पतंग से क्या है बसंत पंचमी का क्नैक्शन? जानिए पूजा का शुभ मूहूर्त भी

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 02:10 PM (IST)

बंसत पंचमी का त्यौहार भारत के हर हिस्से में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन लोग स्नान कर पीले कपड़े पहनते हैं और सरस्वती माता की अराधना करते हैं। वहीं, बच्चे और टीनएजर्स अपने दोस्तों व परिवार संग मिलकर पतंग उड़ाते हैं। मगर, क्या जानते हैं कि इस दिन पसंद क्यों उड़ाई जाती है? या पीले कपड़ों से इसका क्या क्नैक्शन है। चलिए आज हम आपको बताते हैं इस पर्व से जुड़ी कुछ खास बातें...

सबसे पहले जानिए बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त

साल के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसे "अबूझ मुहूर्त" भी कहा जाता है। इसमे विवाह, घर बनाना और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

बसंत पंचमी तिथि - 16 फरवरी, 2021
सरस्वती पूजा मुहूर्त- सुबह 06:59 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक
बसन्त पंचमी मध्याह्न का क्षण- 12:35
पंचमी तिथि प्रारम्भ- फरवरी 16, 2021 को सुबह 03:36 बजे
पंचमी तिथि समाप्त- फरवरी 17, 2021 को शाम 05:46 बजे

बसन्त पंचमी का महत्व

मान्यता है कि भगवान ब्रह्माजी ने इसी जिन सरस्वती की रचना की थी और ब्रह्मांड की रचना का काम भी आज ही से शुरू किया था। सनातन धर्म में मां सरस्वती को शब्द और वाणी की देवी भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए जब ब्रह्माजी ने कमंडल से जल छिड़का तब अद्भुत शक्ति के रूप मां सरस्वती प्रकट हुईं। उनके एक हाथ में वीणा तो दूसरे में वर मुद्रा थी, जिसकी आवाज से तीनों लोकों में तेज कंपन हुआ। इसी कंपन से सभी को शब्द और वाणी मिली। क्योंकि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को उनके जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।

पीले कपड़े पहनना शुभ

बसंत पंचमी पर  पीले कपड़े पहनना शुभ होता है क्योंकि यह मां सरस्वती का प्रिय रंग है। कई जगहों पर इसे सरस्वती पूजा और श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल में इसकी ज्यादा धूम देखने को मिलती है।

ऋतुओं का राजा है बंसत

ज्ञानपंचमी के नाम से भी फेमस इस पर्व को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। दरअसल, भारत में पूरे साल को 6 ऋतूओं में बांटा गया है, इनमें बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शर, हेमंत और शिशिर शामिल है। इसमें से बसंत को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्योंकि इस दौरान नए फूल खिलते हैं और मौसम में भी बड़ा बदलाव होता है।

क्यों उड़ाई जाती हैं पंतग?

बसंत पंचमी छोटे से लेकर बड़े लोग 'पतंग महोत्सव' का लुत्फ उठाते हैं। बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। नई ऋतु का आगमन के साथ फसलों पर भी हरे व पीले फूल खिलते हैं जिसकी खुशी लोग पतंग उड़ाकर जाहिर करते हैं। हालांकि रीति-रिवाज, परंपरा और त्योहार में उड़ाई जाने वाली पतंग आजकल लोगों के मनोरंजन का साधन बन चुकी है।

Content Writer

Anjali Rajput