पीठ और पेट में दर्द होना भी है इस Cancer के लक्षण, मनीषा कोइराला भी झेल चुकी है इसका दर्द

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 04:51 PM (IST)

नारी डेस्क:  अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपनी जिंदगी में बेहद दर्द झेले हैं। उन्होंने हाल ही में अपने चुनौतीपूर्ण सफर के बारे में बात की। उन्हें  2012 में ओवेरियन कैंसर का पता चला था।  2014 में ठीक होने के बाद वे कैंसर पर काबू पाने और लड़ाई जीतने के बाद कैंसर से जुड़ी जागरूकता को बढ़ावा देने में लगातार सक्रीय हैं। अभिनेत्री ने इस दौरान कई भावनात्मक और शारीरिक संघर्षों को साझा किया।

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मनीषा कोइराला ने कहा-  कैंसर का सामना करने के बाद, मैं जानती हूं कि यह यात्रा कितनी अलग-थलग और चुनौतीपूर्ण हो सकती है, और मेरा मानना ​​है कि यह आवश्यक है कि हम सभी दूसरों के लिए उस वास्तविकता को बदलने में भूमिका निभाएं। इसके अलावा, अभिनेत्री ने वेल्स की राजकुमारी से प्राप्त पत्र के बारे में बात की। उन्होंने कहा- "मैं एचआरएच द प्रिंसेस ऑफ वेल्स तक अपनी शुभकामनाएं पहुंचाना चाहती थी, खासकर मेरे अपने अनुभवों के कारण। मुझे उनसे इतनी गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया पाकर बहुत खुशी हुई और मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं"।

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क्या है ओवेरियन कैंसर


ओवेरियन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) में होता है। अंडाशय महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें अंडाणुओं का निर्माण और हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन) का उत्पादन होता है। ओवेरियन कैंसर तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं। यह महिलाओं में इतनी तेजी से फैलता है कि जब यह बीमारी लास्ट स्टेज में पहुंच जाता है तब इस बीमारी का पता चलता है। 

 

ओवेरियन कैंसर का कारण

उम्र: उम्र बढ़ने के साथ ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में।
  
पारिवारिक इतिहास:  जिन महिलाओं के परिवार में पहले से ओवेरियन या ब्रेस्ट कैंसर के मामले रहे हों, उन्हें इसका खतरा अधिक होता है। यह BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन के कारण भी हो सकता है।

हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल असंतुलन, जैसे देर से रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) या बिना गर्भधारण के लंबे समय तक मासिक चक्र का जारी रहना, भी ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट:  कई बार लंबे समय तक हार्मोनल उपचार या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी ओवेरियन कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं।

एंडोमेट्रिओसिस:   इस स्थिति में यूटेरस के बाहर कोशिकाओं का विकास होने लगता है, जिससे ओवेरियन कैंसर का खतरा अधिक होता है।

मोटापा और खान-पान: अत्यधिक वजन और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। 

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ओवेरियन कैंसर के लक्षण

शुरुआती चरणों में ओवेरियन कैंसर के लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

   - पेट में अचानक सूजन या भारीपन महसूस होना। 

   - पेल्विक क्षेत्र में दर्द, जो लगातार बना रहता है। 

   - खाने में अरुचि या थोड़ी मात्रा में खाना खाने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस करना।

   - बार-बार पेशाब आना या पेशाब करने में तकलीफ होना।

   - बिना किसी कारण के थकान महसूस करना या ऊर्जा की कमी होना।

   - पीठ और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।

   - पीरियड्स में असामान्यता होना या मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द और रक्तस्राव होना।

 बचाव और शुरुआती जांच

ओवेरियन कैंसर की जाँच और बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना महत्वपूर्ण है। कुछ जाँचें जैसे कि पेल्विक एग्जाम,  अल्ट्रासाउंड और **CA-125 ब्लड टेस्ट** इसके निदान में सहायक हो सकती हैं। सही समय पर जांच और लक्षणों को पहचानकर इस बीमारी का इलाज संभव है। अगर किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
 


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Content Writer

vasudha

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