बाबा रामदेव के 10 नियम जो रखेंगे आपको 100 साल तक स्वस्थ

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 03:19 PM (IST)

स्वामी रामदेव जी के मुताबिक, 100 साल तक स्वस्थ जीवन जीने के लिए कम से कम 20 मिनट का तीव्र व्यायाम करना अनिवार्य है। व्ययाम से हम शारीरिक और मानसिक रुप से बलवान बनते है। स्वस्थ और लंबा जीवन वही इंसान जी सकता है जो शरीर से बलवान हो, मस्तिष्क से प्रजयवान हो, हृदय से  शीलवान हो और आचरण से चरित्रवान हो। 

कैसे जिया जाए 100 साल तक स्वस्थ ?

बाबा रामदेव के मुताबिक योग एकमात्र ऐसा तरीका है जिसके जरिए हम गुणों के धारणी बन सकते हैं। रोजाना 1 घंटे का योग जिसमें आसन, ध्यान, प्राणायाम शामिल हो,को करने से हम तेजवान जीवन जी सकते हैं। साथ ही अपने आहार पर भी ध्यान देना जरुरी है, सात्विक अहार, सात्विक विचार और सात्विक आचरण को जीवन में धारण करने से हम सुखमयी जीवन के मूल अधार हैं। 

पहला नियम: सूर्य उदय से पहले उठकर पिएं भरपूर पानी

सबसे पहली और जरुरी बात, सूर्य उदय होने से पहले उठने की आदत डालें। सुबह उठते ही 2 से 3 गिलास स्वच्छ पानी पिएं। जिन लोगों को मोटापे, कोलेस्ट्रोल और कब्ज की प्रॉबल्म है उन्हें हल्का गुनगुना पानी पीना चाहिए। जिन्हें इनमें से कोई बिमारी नहीं है वह सादा पानी पी सकते हैं। 

दूसरा नियम: घुटनों के बल बैठ कर पिएं पानी

अगर आपके घुटनों में दर्द नहीं है तो आप मलासन की स्थिति में बैठकर पानी पिएं। जो लोग पैरों के बल नहीं बैठ सकते वे चौकड़ी लगाकर धरती पर बैठकर पानी पिएं। 

तीसरा नियम: ऐलोवेरा और आंवले का जूस दूर करेगा मोटापा

यदि आप पानी के साथ ऐलोवेरा और आंवले का जूस पीते हैं तो आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। मात्र एक महीना सुबह उठकर हल्के गुनगुने पानी में एक-एक चम्मच एलोवेरा जूस डालकर पीने से, 2 से 3 किलो वजन घटाया जा सकता है। 

चौथा नियम: तुलसी के पत्ते

सुबह उठकर 2 से 4 तुलसी के पत्ते चबाकर खाएं। उसके बाद एस से दो गिलास पानी पिएं। ऐसा करने से आप सारा दिन तरोताजा महसूस करेंगे। तुलसी के एंटीऑक्सीडेंट तत्व कैंसर जैसी बीमारियों से शरीर को बचा कर रखते हैं। 

पांचवा नियम: अवश्य करें 20 मिनट का व्यायाम 

रोज सुबह उठकर 20 मिनट तक प्राणायाम जरुर करें। सुबह उठकर किया गया 20 मिनट का व्यायाम आपको 24 घंटे चुस्त-तंदरुस्त बनाकर रखेगा। 

छठा नियम: हल्का-फुल्का होना चाहिए आपका नाश्ता

आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा कि नाश्ता पेट भर करना चाहिए। मगर ऐसा करने से आप सुस्त महसूस कर सकते हैं। अंकुरित दालें या फिर फलों का सेवन शरीर को ताकत देने के साथ-साथ एनर्जी भी प्रदान करता है। रोज-रोज परांठे खाने से शरीर खराब होता है। हफ्ते में केवल एक दिन ही परांठा खाना चाहिए। 

सातवां नियम: दूध वाली चाय से रहें दूर

कई लोगों को सुबह उठते ही दूध वाली चाय पीने की आदत होती है। सुबह उठते ही चाय पीने वालों को एसीडिटी और सीने में जलन की शिकायत रह सकती है। आप चाहें तो दूध वाली चाय की जगह लेमन टी का सेवन कर सकते हैं। 

आंठवा नियम: तेल को समय-समय पर बदल कर खाएं

कभी सरसों के तेल से खाना बना लिया तो कभी तिल के तेल से या फिर सोयाबीन का तेल। तिल के तेल में अनेकों पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो आपको जल्द बूढ़ा और बीमार नहीं होने देते। 

नौवां नियम: खाने को चबा-चबा कर खाएं

खाना हमेशा अच्छी तरह चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे भोजन जल्द पचता है। खाना हमेशा चबाकर और पानी हमेशा खाकर पीने से सेहत को अनेकों लाभ मिलते हैं। तेल की तरह अनाज को भी बदल कर खाना चाहिए। जैसे कि कभी गेहूं, कभी मकई या फिर बाजरे का आटा। इस तरह से बदल-बदल कर अनाज खाने से शरीर को अनेकों न्यूट्रिशन मिल जाते हैं, आपको अलग रुप से विटामिन खाने की जरुरत नहीं पड़ती।

दसवां नियम: दूध और दहीं खाने का सही समय

सुबह उठकर दहीं खाएं, दोपहर को छाछ पिएं और रात को सोने से आधा घंटा पहले दूध अवश्य पिएं। कभी भी दहीं और छाछ का सेवन सूर्य अस्त के बाद न करें। ऐसा करने से आपके पित्त पर बुरा असर पड़ता है। 

 

 

 

 

 

 

Content Writer

Anjali Rajput