अस्थमा मरीजों के लिए वरदान है यह 1 आयुर्वेदिक इलाज

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 05:05 PM (IST)

अस्थमा के मरीज़ों में सांस फूलना, छाती में सिटी जैसी आवाज़ें आना , खांसी के इलावा, पुराना नज़ला, जुकाम के लक्षण भी हो सकते है, जैसे छींके आनी, नाक बंद रहना व बहना, गले में रेशा डलना आदि आरोग्यम में अस्थमा का जड़ से आयुर्वेदिक पद्ति से ईलाज हो रहा है और लाखों लोगों ने अस्थमा से हमेशा के लिए मुक्ति पाई है। 

अस्थमा का एलोपैथी में कोई पक्का इलाज नहीं है एलर्जी और स्टीरियडस की गोलियां व पंप और इन्हेलर रोग को दबाता है लेकिन जड़ से खत्म नहीं कर पाता। यह दवाईयां अगर लंबे समय तक खाई जाए तो गुर्दे व जिगर पर बहुत दुषप्रभाव दिखाती है। मगर आरोग्यम आयुर्वेदिक एलर्जी अस्पताल के डॉक्टर्स 20 साल से आयुर्वेदिक तरीके से इलाज कर रहे है। जिनको विश्व स्तर के विज्ञानिकों द्वारा मान्यता भी मिली है। 

आरोग्यम के डॉक्टर्स को एलर्जी के क्षेत्र में उत्तम कार्य करने पर कैबनिट मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध द्वारा भी सन्मानित किया गया है। याद रहे यह वही आरोग्यम के डॉक्टरर्स हैं जिन्होंने एलर्जी के क्षेत्र में अपनी रिसर्च दिखा कर जर्मनी के कॉन्फ्रेंस में बैठे विज्ञानिकों को आश्चर्य चकित कर दिया था। जिसके बारे में पुरे यूरोप के अखबारों में छपा था। 

 

अस्थमा का घरेलू इलाज 

डॉक्टर्स अस्थमा का घरेलू नुस्खा बताते हुए कहते है कि पीपल के पेड़ के तने की छाल का पाउडर बना कर 5 ग्राम हर रोज़ सेवन करें। अगर आपको अस्थमा है तो जड़ से इलाज कराने के लिए आरोग्यम के डॉक्टर्स से संपर्क कर सकते है। 

 

 आरोग्यम आयुर्वेदिक सेंटर (डॉ. सतनाम सिंह) 

Content Writer

Sunita Rajput