आयुर्वेद ढूंढेगा कोरोना की काट, जल्द शुरू हो सकता है फीफाट्रोल का ट्रायल

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 04:19 PM (IST)

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनियाभर में ही कारगार दवाओं की खोज जारी है। दुनिया के 20 से ज्यादा देशों मेंं 86 टीमें कोरोना के लिए दवाएं व वैक्सीन बनाने में लगी हुई है। वहीं कुछ देशों ने तो वैक्सीन व दवाओं का ह्यूमन ट्रॉयल भी शुरू कर दिया है। यही नहीं, पहले से बनी हुई दवाओं को भी दोबारा टेस्ट किया जा रहा है।

 

भारत ढूंढ रहा है कोरोना का इलाज

भारत के लिए भी कोरोना किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां भी लगातार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं भारत के वैज्ञानिक भी कोरोना का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं। इसी बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना को लेकर नई जांच करने का फैसला किया है। दरअसल, कोरोना को हराने के लिए भारतीय वैज्ञानिक हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति का सहारा लेने जा रहे हैं। 

फीफाट्रोल से होगा कोरोना का इलाज

दरअसल, वैज्ञानिक आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली फीफाट्रोल से कोरोना का इलाज ढूंढने जा रहे हैं। जल्द ही वो फीफाट्रोल को लेकर शोध शुरू करने वाले हैं। यह दवा डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करती है। वही इसे इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी अहम माना जाता है इसलिए उनके मुताबिक यह दवा कोरोना के इलाज के इलाज में कारगार साबित हो सकती है।

 

टास्क फोर्स को भेजा गया था प्रस्ताव

कोरोना के खिलाफ जंग में फीफाट्रोल की उपयोगिता पता लगाने के लिए तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में आयुष मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स को प्रस्ताव में भेजा गया था। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस दवा को मंजूरी मिल जाएगी।

बैक्टीरियल इंफैक्शन में कारगार यह दवा

यह दवा ना सिर्फ डेंगू व इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगार है बल्कि इससे बैक्टीरियल इंफैक्शन से लड़ने में भी काफी मदद मिलती है। मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इस दवा का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।

 

2 भागों में बंटेगे मरीज

इसके ट्रायल के दौरान मरीजों को दो भागों में बांटा जाएगा। इसमें पहले वर्ग के मरीजों को फीफाट्रोल के साथ अन्य दवाएं भी दी जाएगी। जबकि दूसरे वर्ग के मरीजों को फीफाट्रोल नहीं दी जाएगी। इसके बाद दोनों मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस की जांच की जाएगी। रिजल्ट वैज्ञानिक मापदड़ों के हिसाब से तय किया जाएगा।

इम्युनिटी बढ़ाने में कारगार

बता दें कि आखिल भारतीय आयुविज्ञान अनुसंस्थान यानि एम्स भी फीफाट्रोल पर अध्ययन कर चुका है। इसमें यह दवा एंटीबायोटिक के रुप में कारगार साबित हुआ है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में यह काफी कारगर है। 

क्या है फीफाट्रोल?

आयुर्वेदिक एंटीबॉयोटिक के रूप में जाना जाने वाला फीफाट्रोल 13 जड़ी बूटियों से तैयार एक एंटी माइकोबियल फाॅर्मूला ,है जिसमें शामिल पांच प्रमुख बूटियों में सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिपुवन कीर्ति रस और मत्युंजय रस शामिल हैं। जबकि आठ औषधियों के अंश मिलाए गए हैं जिनमें तुलसी, कुटकी, चिरायता, मोथा गिलोय, दारुहल्दी, करंज व अप्पामार्ग शामिल हैं।

 

Content Writer

Anjali Rajput