कंसीव ना होने की एक वजह आपकी कमजोर इम्यूनिटी भी, जानिए इसका इलाज

punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2019 - 05:12 PM (IST)

मां बनना तो हर महिला का सपना होता है लेकिन कई बार महिलाओं को कसीन करने में समस्या आती है। बता दें कि इसका एक कारण ऑटोइम्‍यून डिसीज यानी प्रतिरक्षा प्रणाली का अधिक सक्रिय होना भी हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।

 

दरअसल, इम्यून सिस्टम अधिक सक्रिय होकर स्‍वस्‍थ ऊत्तकों पर हमला करने लगती है, जिसके कारण महिलाओं को कंसीव करने में मुश्किल आती है। इस रोग के लगभग 75 फीसदी मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं लेकिन फिर भी कई महिलाएं इससे अंजान है।

8 करोड़ महिलाएं है इसकी शिकार

इम्यून सिस्टम अधिक सक्रिय होने के अलावा प्रजनन को एंडोमेट्रिओसिस, पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओ), समय से पहले डिम्बग्रंथि की उम्र बढ़ना(पीओए), इडिओपथिक इनफर्टिलिटी को भी ऑटोइम्‍यून रोगों के साथ जोड़ा जाता है। दुनिया भर में लगभग 40 लाख महिलाएं प्रीक्‍लैंपसिया से पीड़‍ित होती हैं, जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। वहीं लगभग 8 करोड़ महिलाएं एंडोमेट्रिओसिस से पीड़‍ित होती हैं, जो गर्भावस्‍था के अस्‍तर को प्रभावित करता है।

कंसीव करने में होती है परेशानी

जिस स्थिति में इम्‍यून सिस्‍टम शरीर के अंदरूनी अंगों, ऊतकों और अंगों पर हमला करता है, वह शुक्राणु और भ्रूण पर भी हमला कर सकता है। इससे वह गर्भाधान और गर्भावस्‍था में कठिनाई उत्‍पन्‍न करता है। इसके अलावा ऑटोइम्‍यून रोगों से ग्रस्‍त महिला का शरीर उसे अपने ही अंडाशय पर हमला करने और पीओए या पीसीओ का भी कारण बनता है।

ऑटोइम्यून रोग फर्टीलिटी को कैसे करता है प्रभावित?

कई महिलाओं को फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन उन्‍हें यह नहीं पता कि इसका कारण ऑटोइम्‍यून डिसीज भी है। इसके कारण...

-पाचन क्रिया में गड़बड़ी  
-आवर्ती बीमारियां
-त्वचा पर चकत्ते
-ब्लड शुगर से जुड़ी समस्‍याएं जैसे हाइपोगलेसेमिया
-एलर्जी
-अत्यधिक थकान
-मांसपेशियों व जोड़ों का दर्द हो सकता है।

कैसे लगाएं ऑटोइम्यून डिसीज का पता
एंटीबॉडी जांच करें

अगर आप गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं तो सबसे थायरॉयड एंटीबॉडी की जांच करवाएं। इससे आपको ऑटोइम्यून डिसीज का पता चल जाएगा, जिसके बाद आप सही ट्रीटमेंट ले सकती हैं।

ब्‍लड शुगर टेस्‍ट

टाइप-1 डायबिटीज या PCOD के कारण ऑटोइम्‍यून का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको यह प्रॉब्लम्स है तो ग्‍लूकोज और हीमोग्लोबिन ए-1 सी का टेस्‍ट करवाती रहें।

सीलिएक एंटीबॉडी टेस्‍ट

अगर आप एंटीबॉडी नहीं भी ले रहे हैं तब भी आप ग्लूटेन से ग्रस्‍त हो सकते हैं इसलिए सीलिएक एंटीबॉडी टेस्‍ट जरूर करवाएं।

इम्यून सिस्टम को सही रखने के टिप्स
सही डाइट लें

इम्यून सिस्टम को सही रखना चाहती हैं तो अपनी डाइट में पौष्टिक और एंटीऑक्‍सीडेंट युक्त फूड्स को शामिल करें। इसके लिए प्रोसेस्ड, सोया उत्पाद और ग्लूटेन फूड्स खाने से बचें।

प्रोबायोटिक्स लें

प्रोबायोटिक्स शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ पाचन में मदद करता है । साथ ही इससे इम्यून सिस्टम भी सही रहता है।

तनाव से रहें दूर

ज्यादा तनाव लेने के कारण भी इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे में अगर आप मां बनना चाहती हैं तो इससे दूर रहें। इसके लिए आप योग और मेडिटेंशन कर सकती हैं।

विटामिन डी

विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्‍व है जो 200 से अधिक जीनों से प्रभावित होता है।साथ ही यह ऑटोइम्‍यून डिजीज से लड़ने में भी मदद करता है। इसके लिए आप सुबह की गुनगुनी धूप के साथ कुछ फूड्स का सेवन कर सकते हैं।

ग्रीन टी

ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोलिक नामक तत्‍व में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ऑटोइम्यून डिसीज से लड़ने में मदद करते हैं।

मछली का तेल

मछली के तेल में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। ये फैट शरीर में सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम करने में मददगार होता है।

Content Writer

Anjali Rajput