कहीं आपका बच्चा भी तो ऑटिज्म का शिकार नहीं ? इन लक्षणों से करें पहचान

punjabkesari.in Sunday, Sep 22, 2019 - 04:02 PM (IST)

कई बार हम शांत रहने वाले छोटी उम्र के बच्चों को सरल स्वभाव का समझकर इग्नोर करते रहते हैं। मगर ऐसा करना शायद बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है। जी हां, यदि आपका बच्चा जरुरत से ज्यादा शांत और दुनिया से उखड़ा-उखड़ा रहता है तो जरुरत है सावधान हो जाने की... तो चलिए आज आपको बताते हैं बच्चे के स्वभाव से जुड़ी कुछ खास बातें...

PunjabKesari,nari

 

अगर आपका बच्चा डेढ़ से दो महीना का होने के बावजूद कम मुस्कुराए या फिर आपकी बातों का अपनी अटखेलियों से जवाब न दें, तो समझ लें की बच्चे का सामाजिक विकास नहीं हो पा रहा। ऐसे में जरुरी है बच्चे को किसी अच्छे डॉक्टर के पास जल्द ले जाया जाए।

बच्चा अगर एक साल की उम्र तक शांत रहता है, या फिर अपने आसपास के लोगों के साथ मिक्स-अप नहीं होता तो समझ लीजिए यह बच्चा आगे चलकर सोशल लाइफ में बढ़िया परफार्म नहीं कर पाएगा। अपने आप में ही मस्त रहने वाला बच्चा यह दर्शाता है कि उसमें सोशल स्किल्स का विकास नहीं हो पा रहा है।

PunjabKesari,nari

कारण...

बच्चों का इस तरह बर्ताव करना उनमें ऑटिज्म नाम की बीमारी की वजह से होता है। इस तरह के बच्चे बढ़े होकर पढ़ाई-लिखाई और खेल-कूद में अपना ध्यान पूरी तरह केंद्रित नहीं पाते। ऐसे में जरुरी है मां-बाप बच्चों के शारीरिक विकास पर जरुर ध्यान दें। जब बच्चा चार से पांच साल की उम्र का हो जाता है उसके लिए समाज के साथ जुड़कर रहना बहुत जरुरी होता है। यदि वह इस उम्र में आकर भी समाज के कट कर रह रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना जरुरी होता है।

इलाज

बच्चे के सोशल डिवेलपमेंट के लिए उसका आईक्यू लेवल नहीं बल्कि एसक्यू लेवल पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे के मानसिक विकास के लिए शुरूआती दो साल सबसे ज्यादा जरूरी हैं। बच्चे का 90 प्रतिशत मानसिक विकास दो साल तक हो जाता है। इन दो सालों में बच्चे का सही खानपान व मां-बच्चे का संवाद सबसे ज्यादा जरुरी होता है।

PunjabKesari,nari

इसके अलावा बच्चा जल्द से जल्द बातों को समझने लगे इसके लिए उससे दो महीने की उम्र से ही माता-पिता को इशारों में बातचीत करते रहना चाहिए। इस दौरान आप बच्चे से जितनी ज्यादा बातें करेंगे बच्चा उतना ही ज्यादा एक्टिव और स्मार्ट बनेगा। 


बच्चों को खिलौने, टीवी या मोबाइल में बिजी रखने के बजाए उनसे ज्यादा से ज्यादा देर बात करें। बच्चों के साथ बातचीत करने से उनका सामाजिक व मानसिक विकास तेजी से होता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Harpreet

Recommended News

Related News

static