Salute! कभी McDonald में थीं वेटर आज ओलंपिक गेम्स में है पदक की दावेदार
punjabkesari.in Saturday, Jul 31, 2021 - 02:26 PM (IST)
महिलाओं को भी अगर पुरूषों के मुकाबले बराबार का मौका मिले तो इतिहास गवाह रहा है कि उन्हें हमेशा कामयाबी ही मिली है। ऐसा ही कुछ इस बार खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक में देखने को मिला।
दरअसल, अमेरिका की ओलंपिक लॉन्ग जंपर क्यूनेशा बर्क्स की जीवनी हर एक महिला के लिए मिसाल है। आपको यह जानकर हैरानी होगी ओलंपिक में पहुंचने से 10 साल पहले क्यूनेशा मैकडॉनल्ड्स में वेटर काम करती थीं। लेकिन आज वे ओलंपिक गेम्स में अमेरिका की तरफ से पदक की दावेदार बनी हुई हैं।
जी हां, क्यूनेशा बर्क्स जब 16 साल की थीं तो अपनी फैमिली की परिस्थितियों के कारण मैकडॉनल्ड्स में काम करने लगी थीं। बर्क्स अपनी छोटी बहनों की जिम्मेदारी उठाने के लिए कम उम्र से ही काम करने लग गई थी। हालांकि उन्हें पता था कि मैकडॉनल्ड्स उनके लिए किसी भी तरह से सीरियस करियर नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने परिवार को सपोर्ट करने के लिए यहां काम किया।
बर्क्स ने अपने जीवन में कई तरह के संघर्ष देखें क्योंकि बचपन में ही उनके मां-बाप अलग हो गए थे और उनकी मां ने दूसरी शादी रचाई थी, पारिवारिक जिंदगी में मची हलचल के बीच बर्क्स घर में बड़ी थी जिस वजह से वह अपनी छोटी बहनों को स्कूल ले जाती थीं और घर के काफी काम निपटाती थीं, इतना बिजी होने के बावजूद वे बॉस्केटबॉल्स गेम्स खेलती थी।
बॉस्केटबॉल्स गेम्स के बाद लॉन्ग जंप को बनाया करियर
मिडिल स्कूल के दौरान बर्क्स ने दौड़ना शुरु किया था ताकि वे अपना बास्केटबॉल गेम को मजबूत बना सके, हालांकि बास्केटबॉल की कई स्टेट चैंपियनशिप्स खेलने केके बाद बर्क्स के कोच ने कहा था कि वे बास्केटबॉल के लिए काफी तेज हैं और उन्हें अपना करियर रनिंग में बनाना चाहिए।
बर्क्स ने पहले इन बातों को सीरीयसली नहीं लेती थी। फिर उन्होंने खेल की बारीकियां सीखीं तो उन्होंने लॉन्ग जंप में दिलचस्पी लेना शुरू किया। हालांकि बर्क्स को इस खेल के बारे में कुछ मालूम नहीं था लेकिन फिर भी इस खेल के चलते उन्हें ओलंपिक का टिकट मिला।
दादा के देहांत के बाद टूट गई थी बर्क्स
इससे पहले हाई स्कूल के दौरान उन्होंने 13 फीट का जंप मारा था और वे औसत से सिर्फ 3 इंच दूर रह गई थीं, सके कुछ महीनों बाद ही वे 20 फीट जंप करने लगी थीं। साल 2019 में यूएस आउटडोर ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप से पहले उनके दादा का देहांत हो गया था, जिसके बाद वह काफी टूट चुकी थीं और चैंपियनशिप में भाग नहीं लेना चाहती थीं लेकिन उनके परिवार ने उन्हें इस चैंपियनशिप के लिए प्रोत्साहित किया, और बर्क्स कहती हैं कि इस घटना ने उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत बनाया है।