Breastfeeding Week: शिशु को कब करवाएं स्तनपान? नई मांएं जान लें जरूरी बातें

punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 11:28 AM (IST)

शिशु के लिए मां का दूध किसी वरदान से कम नहीं क्योंकि इससे उसे सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। मगर, नई माएं इस बात को लेकर परेशान हो जाती है कि क्या शिशु को बार-बार स्तनपान करवाना सही है? उन्हें कितने समय तक ब्रेस्टफीड करवाना होगा? परेशान ना हो क्योंकि यहां हम आपको बताएंगे कि महिलाओं के कब और कैसे स्तनपान करवाना चाहिए।

मां को किस समय पर स्तनपान करवाना चाहिए?

1. वैसे मां को दूध तभी पिलाना चाहिए जब बच्चे को जरूरत हो। शुरुआती हफ्तों में बच्चे को हर दिन 1-2 घंटे बाद स्तनपान करवाएं। धीरे-धीरे शिशु को 3 घंटे बाद दूध पिलाना शुरू करें।

2. एक्सपर्ट के अनुसार, रात में ब्रेस्टफीडिंग ज्‍यादा फायदेमंद होता है। दरअसल, रात के समय औरतों के शरीर में प्रोलेक्टिन हार्मोन ज्‍यादा होता है। वहीं, बता दें कि बच्चा रात में भूख का 64% दूध पी सकता है जबकि इसके बाद बच्‍चा दिनभर की भूख का 20% दूध पी लेता है।

क्या डिलीवरी के तुरंत बाद दूध पिलाना सही है?

कुछ महिलाओं को लगता है कि शिशु को पहला गाढ़ा दूध नहीं पिलाना चाहिए जबकि यह गलत है। 'पहला दूध' या कोलोस्ट्रम - एंटीबॉडी से भरपूर होता है और नवजात शिशुओं को एक प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है जबकि उनकी अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी विकसित हो रही है।

ब्रेस्टफीडिंग छुड़वाने का सही समय

बच्चों को 6 महीने से लेकर डेढ़ साल तक दूध ब्रेस्ट फीडिंग करवानी चाहिए। इससे ज्यादा मां का दूध पिलाने से औरतों के शरीर पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि इस समय के बाद महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध आना बंद हो जाता है।

क्या मां के दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता?

कई महिलाओं को लगता है कि मां के दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता इसलिए वो शिशु को फॉर्मूला मिल्क देने लगती है जबकि यह गलत है। असल में , मां का दूध हल्का होने के कारण बच्चा उसे जल्दी पचा लेता है और उसे थोड़ी-थोड़ी देर बार भूख लग जाती है। वहीं, एक्सपर्ट की मानें तो मां का दूध शिशु के शारीरिक विकास के लिए भी सबसे अच्छी दवा है।

अधिक समय तक स्तनपान करवाने से दूध छुड़ाना मुश्किल होगा?

इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि 1 वर्ष के बाद स्तनपान छुड़वाना मुश्किल होता है। WHO, शिशु के 2 साल तक ब्रेस्टफीडिंग करवाने की सलाह देता है। सभी माताएं और बच्चे अलग-अलग होते हैं और उन्हें एक साथ यह निर्धारित करने की जरूरत होती है कि वे कितने समय तक स्तनपान करवाना चाहती हैं।

Content Writer

Anjali Rajput