83 की उम्र में सोहन सिंह ने पूरा किया पढ़ाई का सपना, हासिल की एमए की डिग्री

punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2019 - 10:30 AM (IST)

जब आप में कुछ करने का जज्बा होता है तो उम्र कभी भी आपके आड़े नही आ सकती हैं। इस बात की मिसाल 83 साल के लेक्चरार रह चुके सोहन सिंह गिल ने दी हैं। हाल ही में उन्होंने 83 साल की उम्र में एमए इंग्लिश की डिग्री हासिल की हैं। जीवन में एक शिक्षक का रोल अदा करने के साथ सोहन सिंह इंटरनेशनल हॉकी में ग्रेड अपांयर भी रह चुके है। उन्होंने केन्या हॉकी अंपायर्स एसोसिएशन में 6 साल काम किया हैं।  

अमृतसर से की थी बैचलर 

15 अगस्त 1936 को जिला होशियारपुर के दात्ता कोट फतूही गांव के रहने वाले सोहन सिंह गिल ने 6 वीं तक उर्दू की पढ़ाई भी की हैं। 1953 में उन्होंने खालसा हाई स्कूल माहलपुर में दसवीं पास की थी। उसके बाद 1957 में श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा स्कूल माहिलपुर में 4 साल की बीए की। इसके बाद खालसा कॉलेज अमृतसर से टीचिंग में बैचलर की थी। उस समय बीएड नही हुआ करती थी।

1958 में गए थे केन्या

1958 में जब केन्या के लिए वीजा खुला तो वह अपने साडू सेवा सिंह बड़ैच के साथ वहां चले गए। उस समय उसका किराया 4 रुपये थे। 10 अक्टूबर को 1958 में सोहन केन्या चले गए थे। वहां पर 2 महीने आराम करने के बाद उन्हें 1959 में इंडियन प्राइमरी स्कूल में नौकरी मिल गई थी। वहां 6 साल तक प्राइमरी, 2 साल मिडिल स्कूरल तक पढ़ाया। उसके बाद वह हेड मास्टर बन गए। उसके बाद टीचर कॉलेज केन्या में 25 वर्षों तक काम किया। उसके बाद 1991 में वह देश वापिस लौट आए। 

एमए इंग्लिश करने की ख्वाहिश को किया पूरा 

सोहन सिंह के मन में एमए इंग्लिश करने की ख्वाहिश थी। रिटायरमेंट के बाद जब वह देश लौट आए तो यहां पर उन्होंने यहां के स्कूलों में पढ़ाया लेकिन एमए इंग्लिश न कर सकें। उसके बाद जब 2017 में यहां पर रिटायरमेंट ली तो उन्होंने दोबारा अपनी ख्वाहिश पूरी करने की सोची। इसमें उनकी पत्नी जोगिंदर कौर ने उनका साथ दिया। इसके बाद उन्होंने एलपीयू के बंगा डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर से एमए इंग्लिश के फॉर्म भरे। अब दो साल बाद डिग्री पूरी होने के बाद उनकी यह अधूरी ख्वाहिश भी पूरी हो गई हैं। 
 

Content Writer

khushboo aggarwal