गर्भावस्था में अस्थमा का बच्चे पर क्या पड़ता है प्रभाव?

punjabkesari.in Sunday, Oct 21, 2018 - 12:26 PM (IST)

प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ होती है। इस दौरान श्वासनली और इसके आसपास के हिस्सों में सूजन आ जाती है, जिससे फेफड़ों तक हवा ठीक ढंग से नहीं पहुंच पाती। इससे सांस की समस्या, खांसी इत्यादि होने लगती है। यह अस्थमा के शुरूआती लक्षण है। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी से पहले या उसके दौरान अस्थमा हो तो यह बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। तो आइए आपको बताते हैं कि प्रग्नेंसी में अस्थमा के क्या खतरे होते हैं और इस दौरान किन बातों की सावधानी जरूरी है।

 

1. प्रेग्नेंसी और अस्थमा
गर्भावस्था के दौरान अस्थमा से ग्रस्त महिलाओं की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। आमतौर पर अस्थमा के लक्षण दूसरी और तीसरी तिमाही में बहुत गंभीर हो जाते हैं क्योंकि इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है, जिससे साइनस और नाक बंद हो जाता है। वहीं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने में सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलने लगती है। 

2. गर्भावस्था में अस्थमा के लक्षण और संकेत
- महिलाओं को सीने में जकड़न।
- सांस लेने में भी तकलीफ। 
- आम दिनों की तुलना में जल्दी थकावट महसूस होना।
- गर्भवती महिला को सांस की तकलीफ के साथ-साथ बुरी तरह से खांसी आना।


3. क्या प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा से शिशु पर पड़ता है प्रभाव?
प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा होना बच्चे के लिए बहुत खतरनाक होता है। अस्थमा का सीधा संबंध महिला के ब्लड प्रेशर से होता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हाइपरटेंशन और प्रीक्लेम्पसिया का भी खतरा बढ़ जाता है। प्रीक्लेम्पसिया से ग्रस्त महिलाओं के शिशु को सही मात्रा में खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंचती। इसके साथ ही अस्थमा गर्भवती महिला के लिए शुरूआती 3 महिनों में मॉर्निंग सिकनेस को और भी कठिन बना देती है।


4. क्या प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा की दवाएं सुरक्षित हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान दवाइयों का सेवन करना काफी हद तक सुरक्षित होता है। मगर दवाइयों को लेने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में एल्ब्युटेरोल नेब्युलाइजर लेना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक है। 


5. बरतें ये सावधानियां
- धूल मिट्टी से दूर रहें।
- पालतू जानवरों के करीब ना जाएं। 
- धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रहें।
- अस्थमा अटैक होने पर तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें अन्यथा इनहेलर का प्रयोग करें।
- समय-समय पर अपनी जांच करवाएं।

 

Content Writer

Nisha thakur