भारत की बेटी ने रचा इतिहास, दो महासागर पार करने वाली बनीं पहली महिला पायलट

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2019 - 04:27 PM (IST)

आज भारत की महिलाएं न केवल धरती पर बल्कि आसमान में भी नाम रोशन कर रही है। वहीं 23 साल की आरोही, जो न केवल एक छोटे से एयर क्राफ्ट पर अकेले दुनिया की सैर पर निकली है बल्कि अटलांटिक और प्रशांत महासागर को पार करके रुस के एनाडिर एयरपोर्ट पर लैंड किया हैं। 

 

मुंबई के बोरीवली की रहने वाली आरोही के पास भारत की कमर्शियल पायलट होने का लाइसेंस है। इतना ही नही उनके पास लाइट स्पोर्ट्स एयकक्राफ्ट उड़ाने का भी लाइसेंस है। इस फ्लाइट के दौरान दो महासागरों को पार करने वाली दुनिया की पहली महिला पायलट बन गई हैं।

 

 

लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट में भरी थी उड़ान

प्रशांत महासागर को पार करने के लिए आरोही ने लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट में अलास्का से उड़ान भरी थी। जिसके बाद रुम में उन्होंने लैंड कर अपने देश का तिरंगा लहराया। इस टूर से पहले उसने कई तरह के टेस्ट को पास किया था। इसके लिए सात महीने की ट्रेनिंग ली जिसमें उसने भारत, ग्रीनलैंड, साइबेरिया, इटली में महासागरों, वर्फ, हाई एल्टीट्यूट जैसे क्षेत्रों में उड़ान भरने की ट्रेनिंग दी गई। इसमें उनकी शारीरिक व मानसिक क्षमताओं को देखा गया था। 

क्रास की थी इंटनेशनल डेट लाइन

ट्रेनिंग के दौरान आरोही ने इंटरनेशनल डेट लाइन को क्रॉस किया था। इस लाइन को लाइन ऑफ कंफ्यूजन के नाम से भी जाना जाता है। तारीख बदलने के कारण सभी उपकरण कुछ मिनट के लिए सही तरीके से काम करना बंद करते है। इस कारण उन्होंने अपनी जिदंगी का एक गवा दिया था, दो उन्हें वापिस नही मिल पाएगा। 

अपने नाम कर चुकी है वर्ल्ड रिकॉर्ड 

इससे पहले भी मई में आरोही अटलांटिका महासागर पार करने वाली पहली महिला बनी थी। इस टूर के दौरान आरोही ने अपने नाम वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। इतना ही नही इन्होंने दुनिया की पहली ऑल वीमेन टीम बनाई है जो कि लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट में पृथ्वी की  परिधि की परिक्रमा करेगा। जिसका नाम माही रखा गया है। अब तक अपने छोटे से एयरक्राफ्ट में आरोही 20 देशों व करीब 29500 किलोमीटर की उड़ान भर चुकी है। 

1947 के बाद पाक में एलएसए उतारने वाली पहली भारतीय नागरिक

इतना ही नही आरोही पड़ोसी देश पाकिस्तान में एलएसए जहाज लैंड करने वाली पहली भारतीय नागरिक है। पंजाब, राजस्थान, गुजरात के ऊपर से उड़ान भरी और पाकिस्तान पहुंचीं। इसके बाद वह ईरान, तुर्की, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ्रांस और ग्रेट ब्रिटेन पहुंचीं।

Content Writer

khushboo aggarwal