'टिश्यू' कैंसर के शिकार हो गए थे अरुण जेटली, समय रहते इसके संकेत पहचानना बहुत जरूरी

punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 07:14 PM (IST)

पूर्व वित्त मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने आज दोपहर दिल्ली एम्स में 12 बचकर 7 मिनट पर आखिरी सांस ली। वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली कैंसर के शिकार हो गए थे, जिसके चलते उन्हें दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) अस्पताल 'लाइफ सपोर्ट सिस्टम' यानि 'वेंटिलेटर' पर रखा गया है। वह बीते 18 महीनों से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण जेटली निधन टिश्यू कैंसर की वजह से हुआ है। 

चलिए, आपको बताते हैं टिश्यू कैंसर के बारे में... कि यह किस तरह का कैंसर है

टिश्यू कैंसर बड़ा ही रेयर कैंसर है जिसे सरकोमा कैंसर कहते हैं जो हड्डियों या मांसपेशियों जैसे (टिश्यू) ऊतकों से शुरू होता है। यह शरीर के चारों ओर मौजूद टिश्यू में हो सकता है। इसमें मांसपेशियों, वसा, रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं के साथ-साथ ज्वांइट्स भी शामिल हैं। आज इस यह बीमारी से सबसे ज्यादा युवा चपेट में आ रहे है। इतना ही नहीं इस बीमारी को डायग्नोसिस करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह कई तरह से बढ़ता है।

हालांकि अगर इसका असर हाथ, बाजुओं और पैरों पर होता है तो सर्जरी के द्वारा आराम मिल सकता है लेकिन अगर प्रारंभिक स्टेज पर ही इसका पता चल जाए तो...

सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा के लक्षण

सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा के शुरुआती दिनों में कोई भी लक्षण या संकेत सामने नहीं आते है। .ट्यूमर बढ़ना भी इसका एक कारण हो सकता है।

-शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन होना
-शरीर में दर्द होना,नसों या मांसपेशियों में दबाव
-कोई भी गांठ जो मांसपेशी के अंदर स्थित हो।
-गांठ जो तेजी से बढ़ती जा रही हो और उसमें दर्द भी हो
या गांठ हटाए जाने के बाद फिर से बननी शुरु हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इस बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर डाक्टरी जांच करवाएं और लाइफस्टाइल को हैल्थी रखें।

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Vandana