हैदराबाद कांड के बाद महिलाओं की आवाज बनी यह बेटी

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2019 - 03:03 PM (IST)

हैदराबाद में युवा महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप की घटना से इस समय पूरा भारत बैचेन है। जिस तरह से 7 साल पहले दिल्ली की निर्भया के साथ हुई घटना को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा था उसी तरह इस बार भी लोगों का गुस्सा नजर आ रहा है। इस घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आएं है। महिलाओं के साथ हो रही इस दरिंदगी और उनकी आवाज बनते हुए राजस्थान की एक बेटी अनु सामने आई है। भारत की यह बेटी शनिवार सुबह ही हाथों में पोस्टर लेकर संसद भवन के सामने बैठ गई और महिला सुरक्षा की मांग करने लगी। 


संसद के सामने बैठी अनु 

तकरीबन 25 साल की लड़की अनु अकेले ही इन घटनाओं का विरोध करते हुए संसद भवन के बाहर बैठ गई। उसने अपने हाथ में पोस्टर पकड़ा हुआ था जिसमें लिखा था 'मैं अपने भारत में सुरक्षित महसूस क्यों नहीं कर सकती।''लो जो करना है कर लो, अब डरने का मन नहीं करता।'

 

 

पुलिस पकड़कर ले गई थाने

अनु द्वारा संसद के बाहर विरोध करने पर दिल्ली पुलिस ने भी उन्हें काफी परेशान किया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने कहा था कि वह जंतर-मंतर में जाकर प्रदर्शन करें लेकिन वह मानी नहीं। जिसके बाद उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। 

दिल्ली महिला आयोग ने दिया साथ 

कहते है कि जब आप सही रास्ते पर चल रही हो तो धीरे-धीरे लोग भी साथ देते है। अनु को जब पुलिस पकड़ कर ले गई तो उनका साथ देने के लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल भी थाने पहुंच गई। उन्होंने अनु के साथ बदसुलूकी करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की।

 

 घर से बाहर निकलने पर भी लगता है डर- अनु 

प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले अनु कहा का गुस्सा सिर्फ हैदराबाद वाली घटना से नहीं है। उनका कहना है कि देश में किसी न किसी कोने से बेटियों पर हो रहे अत्याचार की खबरें आती रहती हैं लेकिन कभी भी ठोस कारवाई नहीं होती है। उनका कहना है कि अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं है।


 

Content Writer

khushboo aggarwal